उत्तरप्रदेश: जनसुनवाई portal पर अपनी शिकायत कैसे दर्ज करें? Step-by-Step जानें

क्या आप भी अपने आसपास की सरकारी असुविधा से परेशान है और आपको लगता है सरकार कुछ करती नहीं है और आप इस बात से कुंठित हो चुके हैं की आपके टैक्स आखिर जाता कहाँ है? तो घबराइए नहीं, इस लेख के माध्यम से आपको एक ऐसी वेबसाईट के बारे में बताएं जिससे आप न सिर्फ अपने आसपास की समस्याओं की शिकायत कर सकेंगे बल्कि उनमें सुधार होता भी देखेंगे।

सबसे पहले आपको बताते हैं की यह साइट आपकी किन विभाग/क्षेत्रों में मदद करेगी

यह पोर्टल लगभग हर प्रकार की प्रशासनिक, सेवा-संबंधी और नागरिक सुविधा की शिकायतों के लिए है, जैसे —

  • बिजली, पानी, सड़क, सफाई जैसी नगर सेवाओं से जुड़ी शिकायतें
  • पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी के गलत व्यवहार की शिकायत
  • राशन कार्ड, पेंशन, या आय/जाति प्रमाणपत्र में देरी या भ्रष्टाचार
  • सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी या लापरवाही
  • शिक्षण संस्थान, अस्पताल या पंचायत स्तर की समस्याएँ
  • भूमि या राजस्व विभाग से जुड़ी शिकायतें (जैसे खतौनी, नक्शा, नामांतरण आदि)
  • किसी सरकारी योजना का लाभ न मिलना या गलत ढंग से रोका जाना
  • जिला या तहसील कार्यालयों द्वारा की गई अनदेखी
  • सरकारी कर्मचारी या विभाग द्वारा की गई त्रुटियाँ
  • किसी भी सरकारी सेवा में पारदर्शिता या समयबद्धता न होना।

अब जानतें कि आप इन क्षेत्रों से जुड़ी अपने इलाके/अपनी समस्या का समाधान कैसे पाएंगे-

उत्तरप्रदेश न्यूज

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तो चलिए जानते हैं step-by-step process कैसे करें करनी है कम्प्लैन्ट:

1. समस्या और सबूत तैयार करें

सबसे पहले आप अपने समस्या का क्षेत्र पहचाने, और ध्यान रखें कि आपने अपनी शिकायत से जुड़ी सभी जानकारी और जरूरी सबूत (बिल, रसीद, फोटो आदि) इकट्ठा किया है।

2. जन सुनवाई पोर्टल या ऐप खोलें

अब आप जन सुनवाई की वेबसाईट या एप खोल कर उस पर अपने मोबाईल नंबर व otp से अपना पंजीकरण करें, इसके बाड़ एक यूनिक संदर्भ (Reference) नंबर मिलेगा जिसे संभाल कर रखें।

3. शिकायत दर्ज करें

अब आप अपनी समस्या/ घटना का क्षेत्र(category) पहचानें, उदाहरण: प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली आदि, एक संक्षिप्त शीर्षक व विवरण दर्ज करें, और संक्षेप में समस्या लिखें (तथ्य-आधारित, क्रमबद्ध)। संबंधित विभाग/ज़िले का चुना जा सकता है।

4. ट्रैक और रिमाइंडर भेजें

पोर्टल/ऐप या Track Complaint सेक्शन से शिकायत की प्रगति चेक करें; यदि उत्तर न मिले तो रिमाइंडर/अध्यादेश भेजें।

5. ऑफलाइन विकल्प (Offline Otption)—  अगर जरूर पड़े

यदि ऑनलाइन न कर पाएं तो नज़दीकी CSC/DM कार्यालय/जन-शिकायत कक्ष में ही शिकायत दर्ज करवा सकते हैं या फोन पर Chief Minister Helpline 1076 का उपयोग कर सकते हैं।

6. समाधान न होने पर आगे अपील/इस्कलेशन

यदि समयसीमा में समाधान न हो तो संबंधित विभाग के ऊपरी अधिकारी/DM से संपर्क या पोर्टल पर पुनः-escalate करें; ज़रूरी होने पर लोकायुक्त/उपायुक्त/उच्च न्यायालय/अदालती विकल्प देखें।

7. नतीजे और प्रतिक्रिया दें

मुद्दा निस्तारित होने पर पोर्टल पर फीडबैक दें; झूठी/गलत जानकारी से बचें — सच्चा विवरण तभी भरोसा और तेज़ निस्तारण मिलता है।

कुछ ज़रूरी टिप्स (Quick Tips)

  • शिकायत दर्ज करते समय संदर्भ नंबर को सुरक्षित रखें — यही आपकी पहचान और ट्रैकिंग कुंजी है।
  • फोटो/वकील-नोटिस/बिल जैसे प्रमाण ज़्यादा रखें — विभाग जांच में इन्हें महत्व देते हैं।
  • हफ्ते-हफ्ते पर स्टेटस चेक करें; जिलाधिकारी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जाकर भी परामर्श मिल सकता है।∎