नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के एक लॉ छात्र को बड़ी राहत दी है। अदालत ने छात्र पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गई कार्रवाई पर तुरंत रोक लगा दी है और पुलिस को उसे तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब छात्र के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर NSA लगाए जाने को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि छात्र के खिलाफ यह कार्रवाई गलत और मनमानी है।
पुलिस ने छात्र को एक मामले में हिरासत में लिया था, जिसके बाद उस पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगा दिया गया। यह कानून सरकार को किसी व्यक्ति को महीनों तक हिरासत में रखने की शक्ति देता है, अगर उसे लगता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पाया कि छात्र पर NSA लगाना गैर-ज़रूरी था और यह उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। अदालत ने अपने आदेश में पुलिस से कहा है कि वह छात्र को तुरंत रिहा करे और मामले की अगली सुनवाई तक NSA के तहत कोई कार्रवाई न करे।
इस फैसले को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सरकार के कड़े कानूनों के मनमाने इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट की एक अहम टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है।∎