शिव नादर भारत के प्रमुख उद्यमियों और परोपकारी व्यक्तियों में से एक हैं। वे मशहूर आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) के संस्थापक हैं। शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में उनके योगदान ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है। साथ ही, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
जन्म | 14 जुलाई 1945 (मूलैपोळी गाँव, तूतीकोरीन जिला, तमिलनाडु, भारत) |
आवास | नई दिली |
शिक्षा की जगह | PSG College of Technology |
पेशा |
एचसीएल टेक्नॉलोजीज के संस्थापक तथा अध्यक्ष एस एस एन इंजीनियरी महाविद्यालय के संस्थापक |
कुल दौलत | US$15.1 बिलियन |
जीवनसाथी | किरण नाडार |
बच्चे | रोशनी नाडार मल्होत्रा |
माता-पिता |
शिवसुब्रमनियन नाडार वामासुन्दरी देवी |
पुरस्कार | पद्मभूषण (2008) |
शिव नादर ने अपने करियर की शुरुआत वालचंद ग्रुप के कूपर इंजीनियरिंग कंपनी में की। बाद में उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 1976 में माइक्रोकॉम्प्यूटर्स और आईटी उपकरण बनाने वाली कंपनी की स्थापना की, जो बाद में एचसीएल (Hindustan Computers Limited) बनी।
शिव नादर का मानना है कि शिक्षा समाज को बदलने का सबसे प्रभावी साधन है। इसी सोच के तहत उन्होंने शिव नादर फाउंडेशन की स्थापना की।
शिव नादर भारत के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्तियों में गिने जाते हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा शिक्षा और समाजसेवा के लिए दान किया है। वे Giving Pledge का भी हिस्सा हैं, जो बिल गेट्स और वॉरेन बफेट द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
शिव नादर सिर्फ एक सफल व्यवसायी नहीं हैं, बल्कि वे एक ऐसे समाजसेवी हैं जिन्होंने तकनीक और शिक्षा के माध्यम से लाखों लोगों का जीवन बेहतर बनाने का कार्य किया है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो व्यक्ति न सिर्फ खुद को, बल्कि पूरे समाज को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।