क्या है ट्रिपल मर्डर केस? डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने क्या कहा?

उत्तरप्रदेश के शमिली जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, इसे अपने 'शामली ट्रिपल मर्डर केस' के नाम से सुन रहे होंगे, दरअसल ये घटना केवल झूठी शान और धार्मिक कट्टरता से जुड़ी एक वीभत्स हत्या की कहानी है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस 'शामली ट्रिपल मर्डर केस' पर दुख जताते हुए इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

शामली के एसएसपी एनपी सिंह ने बुधवार को कहा है कि एक शख़्स ने 'बुर्क़ा न पहनने' की वजह से अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, "अभियुक्त ने पत्नी की हत्या के अपराध को छिपाने के लिए अपनी दो बेटियों की भी हत्या की है। इसके बाद अभियुक्त ने तीनों के शवों को अपने ही घर में दफ़ना दिया।"

इस घटना पर ब्रजेश पाठक ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो घर के अंदर अपने परिवार, अपनी पत्नी के साथ इतनी क्रूरता बरतते हैं।"

उन्होंने कहा, "हम पुलिस अधिकारियों से कहेंगे कि किसी भी व्यक्ति को न छोड़ा जाए और जो भी दोषी है उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई हो।"

शामली पुलिस के मुताबिक़, अभियुक्त फ़ारूक़ के कुल पांच बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियां और दो बेटे शामिल हैं। आरोपी की उमर 37 वर्ष है, पीड़ित, ताहिरा (पत्नी, 35 वर्ष), आफरीन (बड़ी बेटी, 14 वर्ष) और सहरीन (छोटी बेटी, 7 वर्ष)

एसएसपी एनपी सिंह ने बताया, "फ़ारूक़ की पत्नी एक महीने पहले मायके जाने के लिए कुछ पैसे मांग रही, इसको लेकर विवाद हुआ और वह बिना बुर्का पहने मायके चली गई। इससे फ़ारूक़ को लगा कि उसकी पत्नी उसकी इज़्ज़त नहीं करती है। इसके बाद उसने पत्नी की हत्या की योजना बनाई।"

पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, "9-10 दिसंबर की रात लगभग 12 बजे जब फ़ारूक़ के पांचों बच्चे सो रहे थे, तभी उसने चाय के बहाने पत्नी को जगाया। जैसे ही पत्नी आंगन में आई उसने गोली मार दी। पुलिस ने 17 दिसंबर को गड्ढा खुदवाकर शव बरामद किए थे, यानी शव लगभग एक सप्ताह तक घर के आंगन में ही दबे रहे और फारूक उसी घर में सामान्य रूप से रह रहा था।"

रिपोर्ट्स के अनुसार, फारूक के माता-पिता (जो अलग रहते थे) को अपनी बहू और पोतियों के कई दिनों तक न दिखने पर शक हुआ था। उन्होंने ही गांव के प्रधान के साथ मिलकर पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई।

एसएसपी ने बताया, "गोली की आवाज़ सुनकर फ़ारूक़ की 14 साल की बेटी बाहर आई। फ़ारुक़ ने उसे भी गोली मार दी। इसके बाद छह वर्षीय छोटी बेटी बाहर आई। फ़ारुक़ ने उसकी भी गोली मारकर हत्या कर दी।"

सूत्रों के अनुसार जिस गड्ढे में शव मिले हैं वह गड्ढा हत्या से कई दिन पहले ही खोद लिया था। उसने घर वालों और पड़ोसियों से झूठ बोला था कि वह आंगन में शौचालय का टैंक (Septic Tank) बनवा रहा है। यह विवरण साबित करता है कि यह "अचानक गुस्से में की गई हत्या" नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझ़ी साजिश थी।∎