बसपा प्रमुख मायावती कांशी राम की पुण्यतिथि पर अपने भाषण में सपा और बीजेपी के लिए कहा, "...जब वे(समाजवादी पार्टी) सरकार में रहते हैं तो न उन्हें PDA याद आता है, न कांशीराम जी की जयंती और न ही पुण्यतिथि लेकिन जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए। मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि यदि कांशीराम जी के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार थी और हमने अलीगढ़ मंडल में कासगंज नाम से एक जिला बनाया और उस जिले का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था। समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही उसका नाम क्यों बदल दिया? हमने कांशीराम जी के नाम पर अनेकों संस्थानों के नाम रखें, अनेक योजनाएं शुरू की जिसे समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया... यह उनका दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है?"
इस बयान पर मायावती के आरोपों सीधे हाथ लेते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तंज़ करते हुए लिखा, "क्योंकि ‘उनकी’ अंदरूनी साँठगाँठ है जारी... इसीलिए वो हैं ज़ुल्म करने वालों के आभारी।"
मायावती का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांशीराम के नाम पर बने संस्थानों और योजनाओं का फ़ंड पावर में आने के पश्चात समाजवादी पार्टी की सरकार ने बंद कर दिया था।
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उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश की वर्तमान बीजेपी सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लेकर हमसे वादा किया कि जो भी पैसा टिकटों के जरिए आता है, वह इन स्थलों के रख रखाव के लिए लगाया जाएगा, इसलिए हमारी पार्टी उनकी (भाजपा सरकार) आभारी है।"
एयरपोर्ट बेचने का आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर उत्तरप्रदेश की बीजेपी सरकार पर वहाँ की मंडियां बंद करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "एक्सप्रेसवे के किनारे इसीलिए मंडियां बनी थीं कि किसानों की पैदावार जल्द मंडी तक पहुंच जाए और वहां से जल्द बड़े बड़े बाज़ार में पहुंच जाए। लेकिन सुना है कि मुख्यमंत्री ने मंडियां बंद कर दीं।"
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जयप्रकाश नारायण के नाम वाले पटना एयरपोर्ट को बेचने की योजना बनाने का आरोप लगाया।