केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अपने एक बयान पर सफाई दी है, उन्होंने कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
जीतन राम मांझी ने कहा है, “मैंने चुनावी प्रक्रिया में अपने उम्मीदवार साथी के मनोबल को लेकर बयान दिया था। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया गया। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है, इस सच्चाई को सभी जानते हैं। चुनावी प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग ही सबसे अहम होता है।”
VIDEO | Patna: Union Minister Jitan Ram Manjhi says, “That video is wrong. We only demanded a recounting (of votes).”
— Press Trust of India (@PTI_News) December 20, 2025
A row has erupted in Bihar over a video in which Union minister Jitan Ram Manjhi has purportedly spoken of having ‘helped’ a candidate who was trailing by a… pic.twitter.com/IMuFUghtm2
उन्होंने कहा, ”जनादेश जब तक अंतिम तौर पर सामने न आ जाए उम्मीदवारों को मनोबल बनाए रखना चाहिए। मैंने इसी संदर्भ की चर्चा करते हुए 2020 के विधानसभा चुनावों का ज़िक्र किया था। हालिया विधानसभा चुनावों में बेहद कम वोटों के अंतर से चुनाव हारने वाले अपने प्रदेश अध्यक्ष के मनोबल को लेकर मैंने जो बयान दिया उसे ग़लत तरीक़े से पेश किया जा रहा है।”
इससे पहले जीतन राम मांझी के वायरल हुए बयान को शेयर करते हुए कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “2020 बिहार विधानसभा चुनाव में उनका एक कैंडिडेट बुरी तरह हार रहा था, फिर इन्होंने DM से सेटिंग की और हारते हुए कैंडिडेट को 2,700 वोट से जितवा दिया।”
मोदी के मंत्री जीतन राम मांझी वोट चोरी बताते हुए👇
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 19, 2025
2020 बिहार विधानसभा चुनाव में उनका एक कैंडिडेट बुरी तरह हार रहा था,
फिर इन्होंने DM से सेटिंग की और हारते हुए कैंडिडेट को 2,700 वोट से जितवा दिया
इस बार कैंडिडेट ने मंत्री जी से संपर्क नहीं किया, सेटिंग नहीं हुई, चुनाव हार गया… pic.twitter.com/tDxFg14V1Q
सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, "इस बार कैंडिडेट ने मंत्री जी से संपर्क नहीं किया, सेटिंग नहीं हुई, चुनाव हार गया। DM चुनाव आयोग के अधिकारी होते हैं। इस ‘वोट चोरी’ से चुनाव जीत रहे हैं।”
हालांकि जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया है कि उनका जो वीडियो शेयर किया जा रहा है वह ग़लत है, और उन्होंने केवल वोटों की फिर से गिनती की मांग की थी।
इस पूरे विवाद में अब तक भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। क्या आयोग इस 'कथित कबूलनामे' पर स्वतः संज्ञान लेकर कोई आंतरिक जांच शुरू करेगा, यह अभी तक 'मिसिंग लिंक' है।
इस पूरे मामले में एक आईएएस अफ़सर (अभिषेक सिंह) का जिक्र आया है, इस पूरे मामले में अभी तक उनका कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस पूरे मामले के संबंधित किसी भी एनडीए या बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक कोई आधिकारिक स्टैंड साझा नहीं किया है।