वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार रात को गुड्स और सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) में कई ऐतिहासिक बदलावों की घोषणा की। जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए इन फैसलों को 'जीएसटी 2.0' नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और आम जनता के लिए बोझ कम करना है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।
दो-दरों की व्यवस्था: मौजूदा चार-स्लैब (12% और 28%) को हटाकर अब केवल दो मुख्य दरें - 5% और 18% - लागू होंगी।
40% का नया स्लैब: कुछ चुनिंदा 'सिन' (पाप) और लग्जरी वस्तुओं के लिए एक नया 40% का स्लैब बनाया गया है।
राजस्व पर असर: दरों में कटौती से सरकार को लगभग 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने का अनुमान है। हालांकि, 40% स्लैब से लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है।
सर्वसम्मत निर्णय: यह फैसला जीएसटी परिषद के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया।
राजस्व हानि की भरपाई: राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।