भारत में बहुविवाह प्रथा को लेकर कई दशकों से संघर्ष चल रहा है, जिसमें सरकार के साथ आम जन भी जमीनी स्तर पर लगे हुए हैं। इसी क्रम में असं के हिमन्त बिस्वा सरमा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि असम में मुसलमान समुदाय लगभग 20 से 30 सीटों पर विजेता तय करता है। लेकिन मुस्लिम समाज की महिलाएं कई दशकों से इस कुप्रथा से जूझ रही हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री सरमा असम विधानसभा में गुरुवार को पास हुए असम बहुविवाह निषेध बिल, 2025 पर बोल रहे थे।
सीएम सरमा ने सदन में कहा, " यहां सदन में आज मुस्लिम समुदाय की ओर से बोलने वाला हर व्यक्ति पुरुष है। असम में आज 22 से 35 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय तय करता है कि कौन विधायक बनेगा. लेकिन सदन ने बीते बहुत सालों से सैयदा अनवरा तैमूर के बाद यहां मुस्लिम महिला को विधायक के तौर पर देखा नहीं है।"
असम में मुसलमान समुदाय लगभग 20-30 विधानसभा सीटों की विजेता तय करता है। लेकिन कई दशकों तक असम में मुस्लिम बहनें विधायक नहीं बन सकीं।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 27, 2025
बहुविवाह और बाल विवाह को रोककर हम अपनी बहनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं। pic.twitter.com/rW1IPKxfqH
उन्होंने कहा," बाल विवाह और बहुविवाह ने असम के मुस्लिम समाज की महिलाओं से उनके ज़िंदा रहने के बुनियादी अधिकारों को भी छीन लिया था।"
असम सीएम का दावा है कि, "12 साल की उम्र में लड़कियां मां बन रही थीं। बहुविवाह और बाल विवाह को रोक कर हम अपनी बहनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं।"
इस नए क़ानून में अपराध करने वालों के लिए अधिकतम 10 साल की कै़द और माता-पिता, पुजारियों, काजियों और ऐसे विवाहों में मदद करने वाले अन्य लोगों के लिए दो साल तक की कै़द की सज़ा का प्रावधान है।
आपको बता दें कि साल 2021 में राज्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विवाह के ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्यवाई शुरू की थी, जिसके तहत 8 हज़ार 600 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।
लेकिन मुख्यमंत्री की इन कार्यवाई को लेकर कुछ विपक्षी नेता उन पर मुसलमानों को निशाना बनाने के आरोप लगा रहे है।
इस बीच मुख्यमंत्री सरमा ने छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने अपनी घोषणा में कक्षा 9वीं के सभी छात्रों को फ़्री साइकिल देने की बात कही है। सीएम ने 10वीं कक्षा में फ्री मेट्रिक एग्ज़ाम फॉर्म शुरू किया है।
सीएम सरमा ने," कॉलेज जाने वाले 11वीं के क़रीब 80 फ़ीसदी छात्रों के लिए फ़्री एडमिशन की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा कक्षा 11वीं में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मुख्यमंत्री नीजूत मोइना स्कीम के तहत एक हज़ार रुपये महीने का स्टाइपेंड उनके बैंक खातों में दिया जाएगा।"
असम में मुसलमान समुदाय लगभग 20-30 विधानसभा सीटों की विजेता तय करता है। लेकिन कई दशकों तक असम में मुस्लिम बहनें विधायक नहीं बन सकीं।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 27, 2025
बहुविवाह और बाल विवाह को रोककर हम अपनी बहनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं। pic.twitter.com/rW1IPKxfqH
साल 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है।∎