BH सीरीज नंबर प्लेट: नौकरीपेशा लोगों के लिए वरदान और एक देश, एक नंबर का सपना

July 03, 2025
BH सीरीज नंबर प्लेट: नौकरीपेशा लोगों के लिए वरदान और एक देश, एक नंबर का सपना

भारत में वाहन मालिकों को अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) बार-बार बदलने की झंझट से मुक्ति मिल गई है। केंद्र सरकार ने भारत सीरीज (BH Series) नंबर प्लेट की शुरुआत की है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जिनकी नौकरी के कारण उन्हें लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना पड़ता है। यह एक देश, एक नंबर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है BH सीरीज नंबर प्लेट?

BH सीरीज नंबर प्लेट, जिसे भारत सीरीज के नाम से भी जाना जाता है, वाहनों के लिए एक विशेष पंजीकरण प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों को सुविधा प्रदान करना है जो बार-बार ट्रांसफर होते रहते हैं। सामान्य नंबर प्लेट में राज्य का कोड (जैसे DL for Delhi, UP for Uttar Pradesh) और जिले का कोड होता है, जबकि BH सीरीज की नंबर प्लेट में राज्य या जिले का कोड नहीं होता।

BH सीरीज नंबर प्लेट का फॉर्मेट:

यह नंबर प्लेट आमतौर पर इस फॉर्मेट में होती है:

YY BH #### XX

  • YY: वाहन के पहले पंजीकरण का वर्ष (जैसे 24 BH #### XX, अगर 2024 में पंजीकृत हुई है)

  • BH: भारत सीरीज के लिए मानक कोड

  • ####: 0001 से 9999 तक का चार अंकों का यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर

  • XX: अक्षर (अल्फाबेटिकल) AA से ZZ तक कोई भी दो अक्षर (यह एक रैंडम जनरेटेड कोड होता है)

BH सीरीज नंबर प्लेट के प्रमुख फायदे:

BH सीरीज नंबर प्लेट कई मायनों में उन वाहन मालिकों के लिए एक गेम चेंजर साबित हुई है, जिन्हें बार-बार स्थानांतरण का सामना करना पड़ता है:

  1. पूरे भारत में वैधता (Seamless Inter-State Mobility): यह सबसे बड़ा फायदा है। BH सीरीज नंबर प्लेट वाला वाहन पूरे भारत में कहीं भी मान्य होता है। वाहन मालिक को दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर अपने वाहन का दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।

  2. कागजी कार्रवाई से मुक्ति: पुराने सिस्टम में, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, जिसमें कई दस्तावेज़ और नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की जरूरत पड़ती थी। BH सीरीज से इस कागजी कार्रवाई से छुटकारा मिल गया है।

  3. रोड टैक्स में लचीलापन: सामान्य रजिस्ट्रेशन में, वाहन मालिक को पूरे 15 साल का रोड टैक्स एक साथ या 5 साल की किश्तों में चुकाना होता है। BH सीरीज में, वाहन मालिक को हर दो साल में रोड टैक्स का भुगतान करना होता है। यह एकमुश्त बड़ी राशि चुकाने के बजाय अधिक सुविधाजनक और किफायती विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो किसी भी समय दूसरे राज्य में जा सकते हैं।

  4. प्रारंभिक वित्तीय बोझ में कमी: एक साथ 15 साल का टैक्स न चुकाने से वाहन खरीदने के दौरान लगने वाले शुरुआती वित्तीय बोझ में कमी आती है।

  5. समय की बचत: दोबारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से बचने पर वाहन मालिक का काफी समय बचता है, जिसे वह अपनी नई जगह पर व्यवस्थित होने में लगा सकता है।

BH सीरीज नंबर प्लेट किसे मिलती है? (पात्रता मानदंड)

BH सीरीज नंबर प्लेट सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। इसे उन खास श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिन्हें नौकरी के चलते अक्सर ट्रांसफर होना पड़ता है:

  • केंद्र सरकार के कर्मचारी

  • राज्य सरकार के कर्मचारी

  • रक्षा कर्मी (भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना)

  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) के कर्मचारी

  • बैंक कर्मचारी

  • प्रशासनिक सेवा (IAS, IPS आदि) के अधिकारी

  • निजी क्षेत्र के कर्मचारी: वे निजी क्षेत्र के कर्मचारी जिनकी कंपनी या संगठन के कार्यालय कम से कम चार या उससे अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। ऐसे कर्मचारियों को अपनी कंपनी से एक वर्किंग सर्टिफिकेट या आईडी कार्ड प्रस्तुत करना होता है जो यह पुष्टि करता है कि उनकी कंपनी के इतने राज्यों में कार्यालय हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सुविधा केवल गैर-परिवहन (Non-transport) वाहनों (निजी उपयोग के लिए कारों और दोपहिया वाहनों) पर लागू होती है, टैक्सी या ट्रक जैसे वाणिज्यिक वाहनों पर नहीं।

BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन कैसे करें? (प्रक्रिया)

BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन प्रक्रिया मुख्य रूप से ऑनलाइन होती है, जिससे यह सुविधाजनक हो जाती है:

  1. ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले, आपको सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के वाहन पोर्टल (Vaahan Portal) पर जाना होगा।

  2. फॉर्म 60 भरें: पोर्टल पर आपको BH सीरीज के लिए फॉर्म 60 (Form 60) भरना होगा। इसमें वाहन और मालिक से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी देनी होगी।

  3. दस्तावेज़ अपलोड करें: आपको अपनी पात्रता साबित करने वाले कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:

    • सरकारी कर्मचारी होने का प्रमाण पत्र (Govt. Employee ID Card) या निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कार्यरत प्रमाण पत्र (Working Certificate) जो यह पुष्टि करे कि आपकी कंपनी के 4+ राज्यों में कार्यालय हैं।

    • पते का प्रमाण (Address Proof)

    • पहचान का प्रमाण (ID Proof)

    • वाहन के दस्तावेज़ (जैसे बिल, इंश्योरेंस)

  4. टैक्स का भुगतान: ऑनलाइन माध्यम से रोड टैक्स का भुगतान करें। BH सीरीज में टैक्स का भुगतान दो साल के लिए होता है।

  5. आवेदन जमा करें और अप्रूवल: आवेदन जमा करने के बाद, संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) आपके आवेदन और दस्तावेज़ों की जाँच करेगा। स्वीकृति मिलने के बाद, आपको BH सीरीज नंबर प्लेट आवंटित कर दी जाएगी।

क्या पुरानी गाड़ियों पर भी मिल सकती है BH नंबर प्लेट?

कुछ राज्यों में यह सुविधा पुरानी गाड़ियों के लिए भी उपलब्ध कराई गई है, बशर्ते वाहन मालिक पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों। इसके लिए संबंधित RTO से संपर्क करना होगा।

BH सीरीज नंबर प्लेट केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया एक प्रगतिशील कदम है जो देश भर में लोगों की आवाजाही को आसान बनाता है और एक राष्ट्र, एक पंजीकरण के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ता है। यह विशेष रूप से उन लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है जिनकी नौकरी उन्हें लगातार नए शहरों और राज्यों में ले जाती है, जिससे वे वाहन पंजीकरण से जुड़ी जटिलताओं से मुक्त हो पाते हैं।

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