पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश इस मॉनसून में भीषण तबाही का सामना कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने (cloudburst) और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इन प्राकृतिक आपदाओं में अब तक कम से कम 85 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। कई इलाकों में बर्बादी की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो दिल दहला देने वाली हैं।
राज्य में सबसे ज़्यादा असर मंडी जिले में देखने को मिल रहा है, जहाँ कई जगह बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने भयानक रूप ले लिया है। सड़कें, पुल और घर मलबे में तब्दील हो गए हैं, जिससे दूरदराज के इलाकों का संपर्क टूट गया है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है। कुल्लू, कांगड़ा और शिमला जैसे अन्य जिले भी भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 85 मौतों में से 54 सीधे तौर पर बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई हैं, जबकि 31 मौतें सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश जारी है।
बिगड़ते हालात को देखते हुए, भारतीय सेना की टुकड़ियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में उतारा गया है। सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के साथ मिलकर युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चला रही है। वे फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने, मलबे हटाने और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं। कई दूरदराज के इलाकों में हेलिकॉप्टर के जरिए राशन और दवाएं पहुंचाई जा रही हैं।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।∎