दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर चीन और तिब्बत में टकराव बढ़ा, 'हमारी मंजूरी के बिना...' ड्रैगन ने दी चेतावनी

July 02, 2025
दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर चीन और तिब्बत में टकराव बढ़ा, 'हमारी मंजूरी के बिना...' ड्रैगन ने दी चेतावनी

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर चीन और तिब्बती बौद्ध समुदाय के बीच एक बार फिर तीखा टकराव देखने को मिला है। बुधवार (2 जुलाई, 2025) को चीन ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि 15वें दलाई लामा का चुनाव केवल चीनी सरकार की मंजूरी से ही हो सकता है, जबकि दलाई लामा ने कुछ ही घंटे पहले चीन के किसी भी दखल को सिरे से खारिज कर दिया था।

चीन की कड़ी चेतावनी: गोल्डन अर्न और सरकारी मंजूरी अनिवार्य

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए चीन का आधिकारिक रुख दोहराया। उन्होंने कहा, "दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध नेताओं के पुनर्जन्म की प्रक्रिया गोल्डन अर्न(Golden Urn) से लॉटरी द्वारा और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति से ही तय की जाएगी।" चीन का यह बयान दलाई लामा के उस रिकॉर्डेड संदेश के बाद आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनके उत्तराधिकारी का चयन पारंपरिक तिब्बती बौद्ध पद्धति के अनुसार ही होगा, न कि किसी राजनीतिक आदेश या दखल से।

Exiled Tibetan spiritual leader, the Dalai Lama, gave on June 30, the strongest indication yet that the 600-year-old institution would continue after his death, at prayer celebrations for his 90th birthday. The leader, who turns 90 on July 6, is according to Tibetans the 14th reincarnation of the Dalai Lama. (Photo by Sanjay BAID / AFP)

दलाई लामा का स्पष्ट संदेश:परंपरा के अनुसार ही होगा चयन

दलाई लामा ने रविवार को एक प्रार्थना समारोह के दौरान रिकॉर्ड किए गए संदेश में अपने उत्तराधिकारी के चयन को लेकर अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा, उत्तराधिकारी की खोज में तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुख और धर्म रक्षक देवताओं से सलाह ली जानी चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया हमेशा की तरह परंपरा के अनुसार ही होनी चाहिए

उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की खोज और चयन प्रक्रिया की निगरानी की जिम्मेदारी गदेन फोडरंग ट्रस्ट (Gaden Phodrang Trust) को सौंपी है। दलाई लामा ने यह भी बताया कि पिछले 14 सालों से उन्हें तिब्बत, प्रवासी तिब्बती समुदाय और एशिया के कई बौद्ध अनुयायियों (जैसे चीन, मंगोलिया और रूस) से लगातार अनुरोध मिल रहे थे कि दलाई लामा की परंपरा को आगे भी जारी रखा जाए।

इन अपीलों को देखते हुए, उन्होंने अब साफ कर दिया है कि दलाई लामा की परंपरा आगे भी जारी रहेगी, लेकिन यह पूरी तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक नियमों के अनुसार होगी, न कि किसी राजनीतिक दबाव में। दलाई लामा के इस बयान को चीन की कम्युनिस्ट सरकार के सीधे नियंत्रण के खिलाफ तिब्बती पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।∎

FAQ

दलाई लामा का कहना है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन पारंपरिक तिब्बती बौद्ध पद्धति के अनुसार होगा और इसमें चीन का कोई राजनीतिक दखल नहीं चलेगा। वहीं, चीन का दावा है कि 15वें दलाई लामा का चुनाव केवल चीनी सरकार की मंजूरी से ही और ‘गोल्डन अर्न’ लॉटरी प्रक्रिया के तहत होना चाहिए।

दलाई लामा ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा है कि उत्तराधिकारी की खोज में तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुख और धर्म रक्षक देवताओं से सलाह ली जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि यह पूरी प्रक्रिया हमेशा की तरह परंपरा के अनुसार ही होगी, न कि किसी राजनीतिक दबाव में।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दोहराया है कि दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध नेताओं के पुनर्जन्म की प्रक्रिया ‘गोल्डन अर्न’ (Golden Urn) से लॉटरी द्वारा और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति से ही तय की जाएगी।

'गोल्डन अर्न' तिब्बती बौद्ध परंपरा में एक बर्तन है जिसमें पुनर्जन्म के उम्मीदवारों के नाम पर्चियों पर डालकर लॉटरी निकाली जाती है। चीन इस प्रक्रिया का उपयोग करके तिब्बती बौद्ध धर्मगुरुओं के चयन में अपनी वैधता और नियंत्रण स्थापित करना चाहता है, ताकि अंतिम निर्णय पर उसकी मुहर लगे।

दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी की खोज और पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जिम्मेदारी गदेन फोडरंग ट्रस्ट (Gaden Phodrang Trust) को सौंपी है।

दलाई लामा ने बताया कि पिछले 14 सालों से उन्हें तिब्बत, प्रवासी तिब्बती समुदाय और एशिया के कई बौद्ध अनुयायियों (जैसे चीन, मंगोलिया और रूस) से लगातार अनुरोध मिल रहे थे कि दलाई लामा की परंपरा को आगे भी जारी रखा जाए। इन अपीलों को देखते हुए उन्होंने अब अपनी स्थिति साफ की है।
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