पुलिस जांच में सामने आया है कि कोचिंग फर्जीवाड़े की आरोपी राधिका यादव की अपनी कोई बैडमिंटन एकेडमी नहीं थी। वह दिल्ली और आसपास के इलाकों में किराए पर लिए गए बैडमिंटन कोर्ट्स पर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देती थीं। पुलिस के अनुसार, राधिका ने कई प्रतियोगी छात्रों को टॉप कोचिंग और सरकारी मदद का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे।
अधिकारियों ने बताया कि राधिका ने खुद को एक प्रतिष्ठित कोच और एकेडमी संचालक बताकर सोशल मीडिया पर प्रचार किया था। लेकिन हकीकत ये थी कि वह जिन सुविधाओं का दावा कर रही थीं, वो सब अस्थायी और किराए पर ली गई थीं। इस केस में अब तक कई छात्रों और उनके परिवारों से शिकायतें मिल चुकी हैं।
पुलिस अब उन सभी कोर्ट मालिकों और सहायक कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है जहां राधिका ने कोचिंग दी थी। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस फर्जीवाड़े में कोई और व्यक्ति तो शामिल नहीं था।
Radhika Yadav's father was not of low, regressive thinking or a patriarchal mindset.
— Yanika_Lit (@LogicLitLatte) July 11, 2025
He always supported her.
He spent ₹2.5 crore on her tennis training.
Radhika Yadav studied at Scottish High International School in Gurugram, which is a premium school with an annual fee of… pic.twitter.com/DI19BGMTME