पीएम मोदी की 5 देशों की ऐतिहासिक यात्रा: ग्लोबल साउथ से मजबूत साझेदारी और भारत के बढ़ते रणनीतिक हित

July 03, 2025
पीएम मोदी की 5 देशों की ऐतिहासिक यात्रा: ग्लोबल साउथ से मजबूत साझेदारी और भारत के बढ़ते रणनीतिक हित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 2 जुलाई 2025 से आठ दिवसीय पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा का आगाज़ किया है, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। यह दौरा भारत की विदेश नीति में एक नया अध्याय जोड़ रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्लोबल साउथ के साथ गहरे संबंध स्थापित करना, आर्थिक सहयोग बढ़ाना और बहुपक्षीय मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना है।

यात्रा का महत्व और उद्देश्य:

  1. ग्लोबल साउथ से गहन जुड़ाव: यह यात्रा भारत को विकासशील देशों के समूह, ग्लोबल साउथ, के एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित करने पर केंद्रित है। घाना और नामीबिया जैसे अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर भारत अफ्रीकी संघ (AU) और ECOWAS जैसे क्षेत्रीय संगठनों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। वहीं, त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ संबंध CARICOM जैसे कैरेबियाई मंचों में भारत की भूमिका को मजबूत करेंगे।

  2. आर्थिक और रणनीतिक सहयोग: पीएम मोदी की यात्रा का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक अवसरों की तलाश पर केंद्रित है। अर्जेंटीना के साथ कृषि, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों (जैसे लिथियम) में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जो भारत की हरित ऊर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण हैं। घाना के साथ निवेश, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की उम्मीद है। इन देशों के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते होने की भी उम्मीद है।

  3. बहुपक्षीय मंचों पर भारत की भूमिका: ब्राजील में होने वाला 17वां BRICS शिखर सम्मेलन इस यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है। भारत BRICS को उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मानता है और इस सम्मेलन में वैश्विक शासन सुधारों, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक स्थिरता जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा में सक्रिय भूमिका निभाएगा। 2026 में भारत की BRICS अध्यक्षता के लिए भी यह यात्रा मार्ग प्रशस्त करेगी।

  4. रक्षा सहयोग और भू-राजनीतिक पहुंच: यह दौरा रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने का भी अवसर प्रदान करेगा, खासकर घाना और अर्जेंटीना जैसे देशों के साथ। यह अफ्रीकी महाद्वीप और लैटिन अमेरिका तक भारत की कूटनीतिक पहुंच का विस्तार करेगा, जिससे वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की उपस्थिति और मजबूत होगी।

  5. डायस्पोरा और ऐतिहासिक संबंध: त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों के आगमन के 180 साल पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा, जो डायस्पोरा के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है। नामीबिया की यात्रा, उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष के साझा इतिहास वाले देशों के साथ भारत की एकजुटता को रेखांकित करती है। पीएम मोदी घाना, नामीबिया और त्रिनिदाद और टोबैगो की संसदों को भी संबोधित करेंगे, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पीएम मोदी की यह पांच देशों की यात्रा केवल द्विपक्षीय बैठकों का एक क्रम नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक आकांक्षाओं, आर्थिक हितों और एक संतुलित, बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में योगदान देने के गहरे मिशन का प्रतीक है।∎

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