बलदेव सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले रक्षा मंत्री थे। वे एक दूरदर्शी राजनेता और सिख समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि थे, जिन्होंने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जन्म | 11 जुलाई 1902 (रूपनगर, पंजाब , ब्रिटिश) |
मृत्यु | 29 जून 1961 (दिल्ली , भारत) |
राजनीतिक दल |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शिरोमणि अकाली दल अकाली दल |
शैक्षिक सम्बद्धता | खालसा कॉलेज , अमृतसर |
बलदेव सिंह का जन्म 11 जुलाई 1902 को पंजाब के रूपनगर ज़िले के दौलतपुर गाँव में हुआ था। उनके पिता नामधारी सिख संप्रदाय के प्रसिद्ध नेता थे, जिससे उन्हें प्रारंभ से ही देशभक्ति और सेवा भाव की प्रेरणा मिली।
बलदेव सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पंजाब की राजनीति से की। वे एक सफल उद्योगपति भी थे और भारतीय उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया। विभाजन के समय, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, उन्होंने शांति बनाए रखने और शरणार्थियों की मदद करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब बलदेव सिंह को देश के पहले रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर भारतीय सेना के पुनर्गठन और सशक्तिकरण में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कश्मीर संकट के दौरान भारतीय सेना के संचालन को संभाला और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
बलदेव सिंह का निधन 2 जून 1961 को हुआ। उनके निधन से देश ने एक महान देशभक्त और कुशल राजनेता को खो दिया।
बलदेव सिंह न केवल एक सक्षम प्रशासक और राजनेता थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता के बाद के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में देश की रक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता दी। उनका जीवन समर्पण, नेतृत्व और देशभक्ति का प्रतीक है।