नसीरुद्दीन शाह भारतीय फिल्म जगत के उन अभिनेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने अपने अभिनय कौशल, गहराई और संवेदनशीलता से सिनेमा को नई पहचान दी। वे न केवल समानांतर (आर्ट) सिनेमा के प्रमुख स्तंभ रहे हैं, बल्कि उन्होंने व्यावसायिक फिल्मों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है।
जन्मतिथि | 20 जुलाई 1949 |
जन्मस्थान | बाराबंकी, उत्तर प्रदेश, भारत |
उपनाम | नसीर |
व्यवसाय | अभिनेता और निर्देशक |
डेब्यू | बॉलीवुड फिल्म: "निशांत" (1975) फिल्म: "यूं होता तो क्या होता" (2006, एक निर्देशन के रूप में) |
पत्नी | पहली पत्नी:- परवीन मुराद दूसरी पत्नी: - रत्ना पाठक शाह (अभिनेत्री) |
स्कूल/विद्यालय | सेंट एंसलम्स अजमेर, राजस्थान सेंट जोसेफ कॉलेज, नैनीताल |
नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हुआ था। उनका बचपन मेरठ में बीता और यहीं से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बाद में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली और फिर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD), दिल्ली से अभिनय की विधिवत शिक्षा प्राप्त की।
नसीरुद्दीन शाह ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1975 में फिल्म निशांत से की, जो श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित थी। इसके बाद उन्होंने मंथन, स्पर्श, आक्रोश, अर्धसत्य, मिर्च मसाला, जनून जैसी अनेक फिल्मों में अपने संजीदा अभिनय से आलोचकों और दर्शकों दोनों का दिल जीता।
उनकी खासियत यह रही कि वे किरदार में इस तरह ढल जाते थे कि वह भूमिका वास्तविक लगने लगती थी। उन्होंने अमिताभ बच्चन, शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल, ओम पुरी जैसे कलाकारों के साथ कई यादगार फिल्में कीं।
हालांकि नसीरुद्दीन शाह समानांतर सिनेमा के लिए ज्यादा जाने जाते हैं, फिर भी उन्होंने त्रिदेव, सरोश, मोहरा, वेलकम बैक, डर्टी पिक्चर जैसी मुख्यधारा की फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं और अपनी अलग छाप छोड़ी।
नसीरुद्दीन शाह न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि थिएटर की दुनिया में भी उनका बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने Motley Productions नामक थिएटर ग्रुप की स्थापना की और Waiting for Godot, Julius Caesar, Ismat Apa Ke Naam जैसे नाटकों का निर्देशन किया और उनमें अभिनय किया।
नसीरुद्दीन शाह को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं:
नसीरुद्दीन शाह ने अभिनेत्री रत्ना पाठक से विवाह किया, जो खुद भी एक प्रतिष्ठित थिएटर और फिल्म अभिनेत्री हैं। उनके दो बेटे हैं, जिनमें विवान शाह ने भी फिल्मों में कदम रखा है।
नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक विचारों और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्ट राय रखने के लिए भी जाने जाते हैं। वे समय-समय पर समाज, धर्म, शिक्षा और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं, जिसकी वजह से वे कई बार विवादों में भी रहे हैं।
नसीरुद्दीन शाह न केवल एक महान अभिनेता हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान, विचारशील कलाकार और सच्चे अर्थों में भारतीय थिएटर व सिनेमा के रत्न हैं। उनका योगदान भारतीय कला-संस्कृति को समृद्ध करने में अमूल्य रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए वे प्रेरणा बने रहेंगे।