मनमोहन सिंह का निधन : Manmohan Singh passed away

December 26, 2024
मनमोहन सिंह का निधन : Manmohan Singh passed away

मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और नौकरशाह हैं, जिन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के 14वें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, सिंह भारत के पहले सिख प्रधान मंत्री थे। 

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मनमोहन सिंह जीवनी - Manmohan Singh Biography

नामडॉ. मनमोहन सिंह
जन्म26 सितम्बर 1932
जन्म स्थानगाह, वर्तमान पाकिस्तान
पितागुरुमुख सिंह
माताअमृत कौर
पेशाराजनेता, अर्थशास्त्र
पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पदप्रधामंत्री, वित्तमंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर
मृत्यु 26 दिसंबर 2024

शिक्षा - Education

मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और ग्रेट ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से क्रमशः 1952 और 1954 में अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना इकोनॉमिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया।

करियर - Carrier

  • शुरुआत में डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन कार्य किया।
  • 1970 के दशक में उन्हें भारत सरकार में कई आर्थिक सलाहकार पदों पर नियुक्त किया गया और वे लगातार कई प्रधानमंत्रियों के सलाहकार बने रहे।
  • इसके अतिरिक्त, सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक में निदेशक (1976-80) और गवर्नर (1982-85) के रूप में भी काम किया। 
  • वर्ष 1991 में वे तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री बनाये गए। वित्त मंत्री के रूप में उनकी महत्त्वपूर्ण आर्थिक नीतियों के कारण देश में आने वाला संकट टल गया।
  • डॉ मनमोहन सिंह 1991 में असम से राज्यसभा के सदस्य चुने गए।
  • 2001 में तीसरी बार राज्य सभा सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता
  • 2004 में भारत के प्रधानमन्त्री नियुक्त हुए।

राजनीति में प्रवेश से लेकर प्रधानमंत्री तक - From entry into politics to Prime Minister

वित्त मंत्री (1991-1996) : डॉ. सिंह ने 1991 से 1996 तक तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार के अंतर्गत भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाना, व्यापार बाधाओं को कम करना और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल था। इन सुधारों को अक्सर भारत की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और बाद के वर्षों में इसके आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने का श्रेय दिया जाता है।

विपक्ष में : 1996 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद, मनमोहन सिंह शिक्षा जगत में लौट आये। हालाँकि, उन्होंने भारत में आर्थिक नीति संबंधी चर्चाओं में योगदान देना जारी रखा और सार्वजनिक जीवन में शामिल रहे।

प्रधान मंत्री (2004-2014) : वर्ष 2004 में, डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के 14वें प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, जो 2014 तक लगातार दो कार्यकाल तक रहे। उनके कार्यकाल के दौरान, उनकी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी सहित कई नीतियों को लागू किया। उनके सरकार की कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं - अधिनियम (नरेगा), सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), और भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौता।

2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला - 2G Spectrum Scam

2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला, जो स्वतन्त्र भारत का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है। उस घोटाले में भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार एक लाख छिहत्तर हजार करोड रुपये का घपला हुआ है। इस घोटाले में विपक्ष के भारी दबाव के चलते मनमोहन सरकार में संचार मन्त्री ए० राजा को न केवल अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, अपितु उन्हें जेल भी जाना पडा। केवल इतना ही नहीं, भारतीय उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में प्रधानमन्त्री सिंह की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

पुरस्कार एवं सम्मान - Awards and Honors

  • पद्म विभूषण - 1987
  • इण्डियन साइंस कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार, - 1995
  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एडम स्मिथ पुरस्कार - 1953
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