भारतीय रसोई में उपयोग होने वाला एक आम लेकिन बेहद गुणकारी पौधा है कढ़ी पत्ता (Curry Leaves)। इसे संस्कृत में "कृष्णनिम्ब" कहा जाता है और आयुर्वेद में इसका विशेष स्थान है। कढ़ी पत्ते सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि अनेक स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं।
कढ़ी पत्ते में फाइबर और कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। यह कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।
कढ़ी पत्ते में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स रक्त में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। यह पैनक्रियाज को इंसुलिन उत्पादन में भी मदद करता है।
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कढ़ी पत्ते बालों की जड़ों को पोषण देते हैं, जिससे बाल गिरना कम होता है और समय से पहले सफेद होने की समस्या भी दूर होती है। इसे नारियल तेल में उबालकर बालों में लगाया जा सकता है।
कढ़ी पत्ते में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो लीवर को विषैले पदार्थों से बचाते हैं और उसे डिटॉक्स करते हैं।
कढ़ी पत्ते चयापचय को तेज करने में मदद करते हैं और फैट बर्निंग प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं, जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती है।
इसमें आयरन और फोलिक एसिड की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करता है।
कढ़ी पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा से विषैले पदार्थों को निकालते हैं और प्राकृतिक चमक प्रदान करते हैं।
कढ़ी पत्ते एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
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कढ़ी पत्ता एक सरल लेकिन अत्यंत उपयोगी औषधीय पौधा है जो न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अमूल्य लाभ देता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप अनेक बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।