फिटकरी (Alum), एक प्राकृतिक खनिज है जिसे आमतौर पर पोटैशियम एलम कहा जाता है। यह सफेद रंग का क्रिस्टलीय पदार्थ होता है, जो पानी में घुल जाता है। आयुर्वेद और पारंपरिक घरेलू उपायों में इसका उपयोग सदियों से होता आ रहा है। स्किनकेयर के लिए फिटकरी को अक्सर एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके उपयोग सिर्फ त्वचा तक सीमित नहीं हैं।
फिटकरी का सबसे आम उपयोग पानी की सफाई में होता है। यह अशुद्धियों को नीचे बैठाने में मदद करती है जिससे पानी साफ और पीने योग्य बनता है। गांवों में आज भी कुएं या तालाब के पानी को साफ करने के लिए फिटकरी घोली जाती है।
फिटकरी में जीवाणु नाशक गुण होते हैं, जिससे इसे टॉयलेट, सिंक या फर्श की सफाई के लिए उपयोग किया जाता है। यह दुर्गंध को कम करती है और कीटाणु मारती है।
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फिटकरी को पानी में घोलकर गरारे करने से गले की खराश और मुँह की दुर्गंध दूर होती है। यह मुंह के छालों और मसूड़ों के संक्रमण में भी कारगर है।
फिटकरी के पानी से सिर धोने पर डैंड्रफ में कमी आती है और स्कैल्प संक्रमण से राहत मिलती है।
पारंपरिक रूप से फिटकरी का उपयोग कपड़े रंगने से पहले एक मॉर्डेंट (रंग स्थिर करने वाला एजेंट) के रूप में किया जाता है। यह रंगों को स्थायित्व प्रदान करता है।
शेविंग के बाद यदि किसी जगह कट लग जाए तो फिटकरी उस स्थान पर लगाने से खून बहना रुक जाता है और घाव जल्दी भरता है।
फिटकरी को अंडरआर्म्स में लगाने से पसीने की दुर्गंध से राहत मिलती है। यह बैक्टीरिया को मारती है, जो दुर्गंध पैदा करते हैं।
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फिटकरी एक बहुउपयोगी प्राकृतिक पदार्थ है, जो स्किनकेयर के साथ-साथ स्वास्थ्य, घरेलू सफाई, और जल शुद्धिकरण जैसे अनेक क्षेत्रों में काम आता है। यदि इसका सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो यह एक सस्ती और प्रभावी घरेलू उपाय साबित हो सकती है।