ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom‑4 मिशन के तहत लगभग 12–14 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रह चुके हैं। अब उनका वापसी अभियान देश की उम्मीदों के अनुसार 10–14 जुलाई के बीच संभावित था, लेकिन उसे तकनीकी और मौसम संबंधी वजहों से आगे बढ़ा दिया गया है। यूरोपियाई अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने स्पष्ट किया है कि खराब मौसम—विशेषकर फ्लोरिडा तट पर तेज हवाओं और तूफानी हालात—के कारण ड्रैगन कैप्सूल का अनडॉकिंग और स्प्लैशडाउन सुरक्षित समय पर संभव नहीं होगा, जिससे 3–4 दिन की देरी हो सकती है।
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साथ ही, ISS के रूसी module में हाल ही में दबाव रिसाव की जांच चल रही है और तकनीकी तैयारियों को पूरा करना भी आवश्यक है, ताकि पुनः‑प्रवेश और पानी में उतरना पूरी तरह सुरक्षित हो।
अधिकतर मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि शुभांशु और उनकी टीम अब 14 जुलाई से पहले धरती पर वापसी की उम्मीद नहीं कर सकते।
This is such a beautiful moment for us 🔥🇮🇳
— 𝗣𝗲𝗮𝗰𝗲 𝗢𝘂𝘁 (@saffronsentry) June 26, 2025
Our group captain astronaut #SubhanshuShukla and his colleagues have successfully docked and entered the ISS module.
The happiness and pride on Captain Shukla's face is symbolic of the happiness and pride of a billion people in… pic.twitter.com/LCWwLSfWiw
ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ को अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में फेंकना पड़ता है। यदि उस क्षेत्र में तेज़ हवाएँ, बारिश या तूफानी हालात हो, तो सुरक्षित स्प्लैशडाउन संभव नहीं होगा। ऐसे मौसमी व्यवधानों की आशंका के चलते वापसी को 14 जुलाई से पहले करना जोखिम भरा माना जा रहा है।
रूसी “ज़व्ज़ेदा” मॉड्यूल में हालिया मरम्मत के बाद एक नया प्रेशर लीक पाया गया है। नासा और रोस्कोस्मोस इसे पूरी तरह सुनिश्चित करने में लगे हैं, जिससे अनडॉकिंग और रिएंट्री की योजना प्रभावित हो सकती है।
इस देरी के कारण सुरक्षित उतराव और मौसम‑संबंधी जोखिमों की वजह से उनकी प्रतिक्षा अब कुछ और दिन लंबी हो गई है।