तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर चीन और तिब्बती बौद्ध समुदाय के बीच एक बार फिर तीखा टकराव देखने को मिला है। बुधवार (2 जुलाई, 2025) को चीन ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि 15वें दलाई लामा का चुनाव केवल चीनी सरकार की मंजूरी से ही हो सकता है, जबकि दलाई लामा ने कुछ ही घंटे पहले चीन के किसी भी दखल को सिरे से खारिज कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए चीन का आधिकारिक रुख दोहराया। उन्होंने कहा, "दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध नेताओं के पुनर्जन्म की प्रक्रिया गोल्डन अर्न(Golden Urn) से लॉटरी द्वारा और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति से ही तय की जाएगी।" चीन का यह बयान दलाई लामा के उस रिकॉर्डेड संदेश के बाद आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनके उत्तराधिकारी का चयन पारंपरिक तिब्बती बौद्ध पद्धति के अनुसार ही होगा, न कि किसी राजनीतिक आदेश या दखल से।
दलाई लामा ने रविवार को एक प्रार्थना समारोह के दौरान रिकॉर्ड किए गए संदेश में अपने उत्तराधिकारी के चयन को लेकर अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा, उत्तराधिकारी की खोज में तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुख और धर्म रक्षक देवताओं से सलाह ली जानी चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया हमेशा की तरह परंपरा के अनुसार ही होनी चाहिए।
उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की खोज और चयन प्रक्रिया की निगरानी की जिम्मेदारी गदेन फोडरंग ट्रस्ट (Gaden Phodrang Trust) को सौंपी है। दलाई लामा ने यह भी बताया कि पिछले 14 सालों से उन्हें तिब्बत, प्रवासी तिब्बती समुदाय और एशिया के कई बौद्ध अनुयायियों (जैसे चीन, मंगोलिया और रूस) से लगातार अनुरोध मिल रहे थे कि दलाई लामा की परंपरा को आगे भी जारी रखा जाए।
इन अपीलों को देखते हुए, उन्होंने अब साफ कर दिया है कि दलाई लामा की परंपरा आगे भी जारी रहेगी, लेकिन यह पूरी तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक नियमों के अनुसार होगी, न कि किसी राजनीतिक दबाव में। दलाई लामा के इस बयान को चीन की कम्युनिस्ट सरकार के सीधे नियंत्रण के खिलाफ तिब्बती पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।∎