बिहार में मतदाताओं के विशेष पुनरीक्षण पर उठे सवालों के बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बयान जारी किया है।
उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद में मीडिया से बातचीत में ज्ञानेश कुमार ने कहा, "कानून के अंतर्गत हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक होता है। बिहार में 2003 में मतदाता सूची का गहन परिशोधन हुआ था। उस समय जिन लोगों का नाम मतदाता सूची में आया था, उनकी पात्रता की जांच की गई थी।"
#WATCH फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश: बिहार की मतदाता सूची में विसंगतियों के कांग्रेस के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "कानून के अनुसार हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक होता है...लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने की शिकायत की और कहा… pic.twitter.com/hF3Ug9Fd62
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2025
"बिहार में 1 जनवरी 2003 के बाद इस तरह का गहन परीक्षण नहीं हुआ। सामान्य परीक्षण होते रहे। चूंकि पिछले कुछ चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने ये निर्णय किया था कि राजनीतिक दलों से लगातार समन्वय स्थापित करेगा। इसी क्रम में लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने की शिकायत की और कहा कि मतदाता सूची को शुद्ध करना चाहिए।"
"इसलिए इस बार बिहार में जुलाई से अगस्त के बीच मतगणना फॉर्म बांटे जाएंगे और वापस भी लिए जाएंगे। ये कार्य बहुत सुचारू रूप से चल रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां इसमें सहयोग कर रही हैं, 1 लाख से अधिक बूथ-लेवल अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं।"
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पूरी मतदाता सूची सभी लोगों के सामने पारदर्शिता के साथ बनाई जाएगी और हर पात्र नागरिक उसका हिस्सा होगा।∎