NCERT कक्षा 8वीं का नया सिलेबस और विवाद

July 25, 2025
NCERT कक्षा 8वीं का नया सिलेबस और विवाद

NCERT द्वारा हाल ही में  कक्षा 8 के लिए जारी नवीनतम सिलेबस और पाठ्यक्रम से इंटरनेट पर जबरदस्त विवाद, चर्चा और बहस होती दिखाई दे रही है। इस दफ़ा न केवल विषय-वस्तु में बदलाव हुआ, बल्कि इतिहास, कला, और समाज विज्ञान की प्रस्तुति एवं दृष्टिकोण में भी बड़ा परिवर्तन आया है।

क्या बदलाव है ? 

मुख्य बातें:-

  • नई पाठ्यपुस्तकें:
    कक्षा 8 में ‘Exploring Society: India and Beyond’ (सामाजिक विज्ञान), ‘Curiosity’ (विज्ञान), 'Malhar' (हिंदी), 'Poorvi' (अंग्रेज़ी), 'Kriti' (कला), और ‘Kaushal Bodh’ (व्यावसायिक) जैसी नई किताबें जारी की गई हैं, जो NEP 2020 और NCF-SE 2023 के अनुकूल हैं।

  • आर्ट और क्रिएटिविटी:
    ‘कला’ (Art) को अब अनिवार्य विषय बना दिया गया है, जिसमें नाटक, संगीत, थिएटर आदि को मुख्यधारा में लाया गया है। जिसमें हर विद्यार्थी को इसे पढ़ना और परीक्षा देना अनिवार्य होगा।

  • नई कहानी और झलक:
    किताबों में अब अधिक उदाहरण, प्रोजेक्ट, एक्टिविटी, और भारत-केंद्रित संदर्भ जोड़े गए हैं।

    NCERT वेबसाइट

विवाद क्यों हुए?

1. इतिहास की प्रस्तुति में बदलाव

नई सामाजिक विज्ञान की किताब में दिल्ली सल्तनत, मुगलों के “बर्बर तरीके,” धार्मिक असहिष्णुता, मंदिरों का ध्वंस और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी बातों को खुलकर लिखा गया है। बाबर, अकबर और औरंगज़ेब को "रुथलेस कॉन्करर" जैसे शब्दों से वर्णित किया गया है। हालांकि, किताब में यह भी स्पष्टीकरण दिया गया है कि आज के लोगों को बीते समय के इन कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

2. क्षेत्रीय विद्रोहों की अनुपस्थिति

आलोचना है कि नए सिलेबस में क्षेत्रीय प्रतिरोध आंदोलन जैसे पाइका विद्रोह (उड़ीसा), कूका मूवमेंट (पंजाब) आदि शामिल नहीं किए गए। NCERT का कहना है कि यह ‘पहला वॉल्यूम’ है; दूसरे संस्करण (सितंबर–अक्टूबर 2025) में इन्हें जोड़ने का वादा किया गया है।

3. राजनीतिक दृष्टिकोण और पुराने कंटेंट का बदलाव

कई अध्याय ‘डार्कर पीरियड्स’ (कठिन काल) के विशेष चेतावनी नोट के साथ दिए गए हैं। कई शिक्षाविदों के अनुसार, इतिहास के राजनीतिक प्रस्तुतिकरण (मुगल, मराठा, शिवाजी महाराज आदि) में “राजनीतिक रंग” देने के आरोप लगे हैं।

4. समावेशिता vs. चुनिंदा इतिहास

कुछ शिक्षकों और एक्टिविस्ट्स का मानना है कि संशोधित सिलेबस बच्चों को केवल एकतरफा ऐतिहासिक जानकारी देता है और भारतीय समाज की विविधता, क्षेत्रीय विद्रोह और विभिन्न आवाज़ों को दबाता है।

नया पाठ्यक्रम: विषयवार बदलाव

विषय मुख्य बदलाव/चर्चित बातें
सामाजिक विज्ञान मुगल-काल व सल्तनत के “अंधेरे पक्ष”, धार्मिक असहिष्णुता, मंदिर-ध्वंस, क्षेत्रीय संघर्षों का अस्थायी न होना
विज्ञान अधिक गतिविधियाँ, प्रयोग, और रियल लाइफ उदाहरण; curiosity-based learning
हिंदी, अंग्रेजी नए टाइटल, कहानियाँ, कविता, व्याकरण; इंडियन संदर्भ, मोटिवेटिव और कर्मशील दृष्टिकोण
कला, संगीत थिएटर, ड्रामा, म्यूजिक अनिवार्य; रचनात्मकता को प्रोत्साहन
व्यावसायिक ‘कौशल बोध’ के जरिए स्किल डेवेलपमेंट पर फोकस

NCERT की सफाई

NCERT ने स्पष्ट कहा है कि सारी किताबें एक साथ रिलीज़ नहीं हुई हैं। जो विषय, जैसे क्षेत्रीय विद्रोह, इस समय शामिल नहीं किए गए हैं, उन्हें अगले खंड (Volume 2) में जोड़ा जाएगा। यह बदलाव ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ (NEP 2020) और ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF-SE) 2023’ के तहत किए जा रहे हैं ताकि शिक्षा प्रणाली अधिक समावेशी, प्रासंगिक और बच्चों के जीवन से जुड़ी हो।

मुख्य विवादित बदलाव

  1. इतिहास की प्रस्तुति में बड़ा बदलाव
    नई सामाजिक विज्ञान पुस्तक में मुगल सम्राटों (बाबर, अकबर, औरंगज़ेब) को पुराने सिलेबस के मुकाबले अधिक आक्रामक व “रुथलेस कॉन्करर” जैसा बताया गया है। इसमें जबरन धर्म परिवर्तन, मंदिरों के विध्वंस और धार्मिक असहिष्णुता को निरपेक्ष शब्दों में बयान किया गया है। "डार्कर पीरियड्स" (कठिन काल) जैसी चेतावनी के साथ प्रस्तुत की गई जानकारी की आलोचना की जा रही है।

  2. क्षेत्रीय प्रतिरोध आंदोलनों की अनुपस्थिति
    पाइका विद्रोह (उड़ीसा), कूका मूवमेंट (पंजाब) जैसे कई बड़े क्षेत्रीय विरोध फिलहाल हटाए गए हैं। NCERT के अनुसार, इन्हें अगले संस्करण में शामिल किया जाएगा।

  3. समावेशी दृष्टिकोण की कमी
    आलोचक कहते हैं कि समाज की विविधता, क्षेत्रीय विद्रोह और विभिन्न समूहों की आवाज़ कम की गई है। आरोप है कि नया सिलेबस एकतरफा राजनीतिक दृष्टिकोण दर्शाता है और इतिहास में संतुलन की कमी है (मुगल, मराठा, शिवाजी आदि)।

  4. अन्य विषयों में बदलाव
    "कला" (Art) और "कौशल बोध" (Vocational skills) के साथ प्रायोगिक, क्रिएटिव और स्किल-बेस्ड शिक्षा पर ज़ोर है। हिंदी, अंग्रेज़ी, और विज्ञान में अधिक भारत-केंद्रित उदाहरण और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण है, लेकिन इतिहास का विवाद सामाजिक विज्ञान से संबंधित है।

  5. सामग्री/अध्यायों की कटौती
    पुराने सिलेबस के मुताबिक, सेकुलरिज़्म, लोकतांत्रिक सोच, और सामाजिक आंदोलन जैसे अहम विषय कम कर दिए गए या हटाए गए। NCERT ने कहा कि पूरी सामग्री धीरे-धीरे सार्वजनिक होगी।

सूचना

अगर आप किसी विशेष विषय का सिलेबस या नई किताबें देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक NCERT वेबसाइट या ई-पाठशाला ऐप पर जा सकते हैं।
यह बदलाव और विवाद लगातार चर्चा में हैं और पूरा सिलेबस सरकार की NCERT वेबसाइट और मीडिया रिपोर्ट्स में भी देखा जा सकता है।

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