धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री - Dhirendra Krishna Shastri

July 04, 2025
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री -  Dhirendra Krishna Shastri

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध हिन्दू संत, कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं। वे मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के मुख्य पीठाधीश्वर हैं। उन्होंने भारतभर में अपनी चमत्कारी शक्तियों और दिव्य दरबारों के माध्यम से करोड़ों लोगों की आस्था को आकर्षित किया है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय -  Dhirendra Krishna Shastri Biography 

प्रसिद्ध नाम  बालाजी महाराज, बागेश्वर महाराज, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर धाम
जन्म स्थान गढ़ा गांव, छतरपुर जिला (मध्य प्रदेश)
जन्म 4 जुलाई 1996
पिता का नाम  रामकृपाल गर्ग
माँ का नाम सरोज गर्ग
भाषा बुंदेली, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी
पेशा   कथावाचक, सनातन धर्म प्रचारक, दिव्य दरबार, यूट्यूब चैनल
आध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य (वर्ष 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित)

जन्म और प्रारंभिक जीवन

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था। उनका बचपन कठिनाई और आर्थिक तंगी में बीता। उनके दादा पंडित भगवान दास जी भी एक साधु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और बाल्यकाल में शास्त्री जी ने उनसे ही धर्म और रामकथा की प्रारंभिक शिक्षा ली।

आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत

Bageshwar Dham Dhirendra Shastri darbar going to be held again in UP will  narrate Hanuman Katha for five days in meeruth यूपी में फिर लग रहा बागेश्वर  धाम का दरबार, धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री ने बहुत कम उम्र में ही रामायण और भागवत कथा सुनाना प्रारंभ कर दिया था। उनके प्रवचनों में इतनी श्रद्धा और गहराई होती है कि श्रोता भाव-विभोर हो जाते हैं। उन्होंने छतरपुर में बागेश्वर धाम की स्थापना की, जो आज एक विश्वविख्यात धार्मिक स्थल बन चुका है।

बागेश्वर धाम और दिव्य दरबार

बागेश्वर धाम हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर है, जहां धीरेंद्र शास्त्री हर मंगलवार और शनिवार को ‘दिव्य दरबार’ लगाते हैं। इस दरबार में वे बिना किसी से जानकारी लिए लोगों की समस्याएं, नाम, पता, रोग, मानसिक स्थिति आदि बता देते हैं, जिसे कई लोग चमत्कार मानते हैं।

विवाद और प्रसिद्धि

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जहां एक ओर आध्यात्मिकता का प्रचार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके चमत्कारों को लेकर कई बार विवाद भी उठे हैं। कुछ लोग इसे ढोंग बताते हैं तो कई लोग उन्हें सच्चा संत मानते हैं। उन्होंने कई बार खुले मंच से कहा है कि वे सनातन धर्म की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं और हिंदू युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करना उनका उद्देश्य है।

प्रभाव और योगदान

  • लाखों लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित किया।
  • सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए कई मंचों पर आवाज उठाई।
  • समाज सेवा के अंतर्गत गरीबों की सहायता, भोजन वितरण और शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज के समय के उन विरले संतों में से हैं जिन्होंने धर्म, आध्यात्म और समाजसेवा को एक साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। उनके प्रति लोगों की आस्था यह दर्शाती है कि आज भी भारत में अध्यात्म और धर्म का गहरा प्रभाव है। चाहे कोई उन्हें चमत्कारी संत माने या विवादास्पद गुरु, लेकिन यह सच है कि उन्होंने भारतीय समाज में एक नई धार्मिक चेतना का संचार किया है।

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