कलावा कब तक पहनना चाहिए? जानिए धार्मिक मान्यता और सही समय

July 21, 2025
कलावा कब तक पहनना चाहिए? जानिए धार्मिक मान्यता और सही समय

हिंदू धर्म में कलाई पर बाँधा जाने वाला "कलावा" (या मौली) न केवल धार्मिक प्रतीक होता है, बल्कि यह रक्षा-सूत्र के रूप में भी पहचाना जाता है। इसे पूजा, यज्ञ, या किसी शुभ अवसर के समय पंडित द्वारा मंत्रों के साथ बांधा जाता है। अब प्रश्न उठता है — इसे कितने दिनों तक पहने रहना चाहिए?

कलावा को कब तक पहनना चाहिए?

कलावा को सामान्यतः 15 दिन से 1 महीने तक पहनना उचित माना जाता है, या जब तक वह स्वतः टूट न जाए या अत्यधिक मैला/पुराना न हो जाए। यदि वह किसी विशेष पूजा (जैसे रक्षाबंधन, यज्ञोपवीत, या ग्रह शांति) के दौरान बंधा गया हो, तो उसकी अवधि कुछ विशेष मान्यताओं के आधार पर तय की जा सकती है।

हटाने का सही समय

कलावा हटाने का कोई निश्चित दिन नहीं है, लेकिन परंपरानुसार इसे इन स्थितियों में हटाया जाता है:

  • पूरे श्रद्धा के साथ और स्नान के बाद: इसे हटाते समय भगवान का स्मरण कर "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ विष्णवे नमः" जैसे मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।
  • पवित्र स्थान पर छोड़ें: हटाने के बाद उसे किसी तुलसी के पौधे के नीचे, बहते जल में या साफ स्थान पर respectfully रखें। कचरे में फेंकना अपवित्र माना जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार उदाहरण

  • रक्षाबंधन का राखी/कलावा: यह अगले वर्ष की राखी तक पहना जा सकता है या जब तक वह टूट न जाए।
  • मंगल कार्य में बंधा कलावा: विवाह, गृह प्रवेश, या सत्यनारायण पूजा में बंधा कलावा सामान्यतः 7 से 11 दिनों के भीतर हटाया जाता है।

कलावा को हटाने की कोई कठोर समयसीमा नहीं है, लेकिन 7 दिन से 1 माह के बीच, या जब वह स्वयं से टूट जाए, तब उसे पवित्र भाव से हटाना उचित होता है। यह एक श्रद्धा-आधारित परंपरा है, इसलिए इसमें व्यक्ति की आस्था और भावना ही सर्वोपरि होती है।

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