हिंदू धर्म में कलाई पर बाँधा जाने वाला "कलावा" (या मौली) न केवल धार्मिक प्रतीक होता है, बल्कि यह रक्षा-सूत्र के रूप में भी पहचाना जाता है। इसे पूजा, यज्ञ, या किसी शुभ अवसर के समय पंडित द्वारा मंत्रों के साथ बांधा जाता है। अब प्रश्न उठता है — इसे कितने दिनों तक पहने रहना चाहिए?
कलावा को सामान्यतः 15 दिन से 1 महीने तक पहनना उचित माना जाता है, या जब तक वह स्वतः टूट न जाए या अत्यधिक मैला/पुराना न हो जाए। यदि वह किसी विशेष पूजा (जैसे रक्षाबंधन, यज्ञोपवीत, या ग्रह शांति) के दौरान बंधा गया हो, तो उसकी अवधि कुछ विशेष मान्यताओं के आधार पर तय की जा सकती है।
कलावा हटाने का कोई निश्चित दिन नहीं है, लेकिन परंपरानुसार इसे इन स्थितियों में हटाया जाता है:
कलावा को हटाने की कोई कठोर समयसीमा नहीं है, लेकिन 7 दिन से 1 माह के बीच, या जब वह स्वयं से टूट जाए, तब उसे पवित्र भाव से हटाना उचित होता है। यह एक श्रद्धा-आधारित परंपरा है, इसलिए इसमें व्यक्ति की आस्था और भावना ही सर्वोपरि होती है।