प्रत्येक वर्ष नवरात्री का आगमन दो बार होता है। नवरात्रि दो शब्दों के योग से बना है नव + रात्रि। जिसका सामासिक अर्थ है नो रातों का समूह। पुराणों के अनुसार माँ शक्ति के नौ रूप माने गए है। नवरात्रि के दौरान शक्ति के इन्ही नौ रूपों की आराधना की जाती है। माँ के सभी नौ रूपों के नाम इस प्रकार है: माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघंटा, माँ कूष्माण्डा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी एवं माँ सिद्धिदात्री।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरम्भ 22 सितंबर 2025 से होकर समापन 1 अक्टूबर 2025 तक होगा। इसके 10 वे दिन बुराई पर अच्छी की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि का महत्व हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में व्याख्यायित कथाओं के अनुरूप माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का सर्वनाश किया था। देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस से नो दिनों तक युद्ध किया और 10 वे दिन उसका वध किया। यह समय अश्विन मास का था। पंचांग के अनुसार अश्विन मास में ही शरद ऋतु का आगमन भी होता है इसलिए यह नवरात्रि शारदीय नवरात्रि के नाम से अभिहित है।
नवरात्रि 2025 की तारीखें - Navratri 2025 Dates | ||||
---|---|---|---|---|
दिन | तिथि | उत्सव | रँग | |
22 सितंबर | प्रतिपदा | घटस्थापना, माता शैलपुत्री पूजा | सफ़ेद | |
23 सितंबर | द्वितीया | माँ ब्रह्मचारिणी पूजा | लाल | |
24 सितंबर | तृतीया | माँ चंद्रघंटा पूजा | गहरा नीला | |
25 सितंबर | तृतीया | - | पीला | |
26 सितंबर | चतुर्थी | माँ कुष्मांडा पूजा | हरा | |
27 सितंबर | पंचमी | माँ स्कंद माता पूजा | दुर्गा पूजा (बिल्व निमन्त्रण) | स्लेटी | |
28 सितंबर | षष्ठी | माँ कात्यायनी पूजा | दुर्गा पूजा (कल्पारम्भ, अकाल बोधन) | नारंगी | |
29 सितंबर | सप्तमी | माँ कालरात्रि पूजा, सरस्वती आवाहन | दुर्गा पूजा (नवपत्रिका पूजा, कलाबोऊ पूजा) | मोर हरा | |
30 सितंबर | अष्टमी | माँ महागौरी पूजा, सरस्वती पूजा | दुर्गा पूजा (दुर्गा अष्टमी, कुमारी पूजा, सन्धि पूजा) | गुलाबी | |
1 अक्टूबर | नवमी | माँ सिद्धिदात्री पूजा, नवमी हवन | दुर्गा पूजा (महा नवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन) | - | |
2 अक्टूबर | दशमी | विजयदशमी, नवरात्रि पारण | दुर्गा पूजा (दुर्गा विसर्जन, सिन्दूर उत्सव) | - |