सावन के पहले सोमवार को देशभर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सावन का पहला सोमवार, 14 जुलाई, 2025 को मनाया गया। इस अवसर पर, भगवान शिव को समर्पित कई मंदिरों में भक्तों ने जलाभिषेक किया और विशेष पूजा-अर्चना की।
चांदनी चौक की संकरी गलियों और ऐतिहासिक धरोहरों के बीच बसा ये गौरी शंकर मंदिर शिवभक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह मंदिर विशेष रूप से इस वजह से खास है, क्योंकि यहां भगवान शिव के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के स्वरूप का दर्शन एक ही स्थान पर देखने को मिल जाता है। प्राचीन श्री गौरी शंकर मंदिर में सुबह 5:00 बजे से ही लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है हालांकि करीब 7:30 बजे के बाद बारिश तेज हुई उसके बावजूद भी श्रद्धालु बम बम भोले की जय जयकार करते हुए शिवभक्ति में सरावोर नजर आए।
वैशाली के शिव शक्ति मंदिर में सावन के सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर में जलाभिषेक के लिए लंबी कतारें लगीं और भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन रहे।
सावन के पहले सोमवार के दिन बनारस के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी ।
सावन के पहले सोमवार के दिन जदुद्वारा के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी ।
वाराणसी में, काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला आरती हुई और रात से ही दर्शन जारी रहे। मंदिर के बाहर कांवड़ियों की 3 किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में, भस्म आरती की गई और तड़के 2.30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए।
जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में, सुबह 3 बजे भगवान भोलेनाथ का 151 किलो गाय के घी से अभिषेक किया गया और मंदिर को 3100 किलो आम से सजाया गया।