वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेषकर हर सोमवार को व्रत रखकर भक्तजन शिवजी से मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
क्यों रखा जाता है सावन सोमवार का व्रत?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत विशेष फलदायी होता है:
सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, विशेषकर विवाह और सुख-समृद्धि से जुड़ी इच्छाएं। यह व्रत श्रद्धा, संयम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
सावन सोमवार व्रत कब है?
- पहला सावन सोमवार: 14 जुलाई 2025
- दूसरा: 21 जुलाई 2025
- तीसरा: 28 जुलाई 2025
- चौथा: 4 अगस्त 2025
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शुभ मुहूर्त (Puja Muhurat) – पूजा के लिए उत्तम समय
मुहूर्त |
ब्रह्म मुहूर्त |
विजय मुहूर्त |
गोधूलि मुहूर्त |
निशीथ काल |
सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि (Puja Vidhi)
- प्रभात में स्नान करें और शिवजी का स्मरण करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें।
- घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई कर गंगाजल से शुद्ध करें।
- शिवलिंग पर जलाभिषेक करें – दूध, गंगाजल, शहद, दही आदि से।
- दीपक जलाएं और भगवान शिव को बेलपत्र, पुष्प, धूप, अक्षत अर्पित करें।
- व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- अंत में फल व मिठाई का भोग अर्पित करें और प्रसाद वितरित करें।
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सावन में किन बातों का रखें विशेष ध्यान?
- तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज) का सेवन न करें।
- काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- क्रोध, विवाद और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- घर और मन – दोनों को स्वच्छ और शांत रखें।
सावन मास और उसके सोमवार व्रत शिवभक्ति की चरम अनुभूति कराने वाला समय होता है। यदि पूरे नियम और भक्ति से व्रत किया जाए, तो भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और सफलता मिलती है।
FAQ
◉ कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है।
◉ विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
◉ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
◉ तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज) का सेवन न करें।
◉ काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
◉ क्रोध, विवाद और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
◉ घर और मन – दोनों को स्वच्छ और शांत रखें।