सावन के सोमवार क्यों होते है इतने खास ? जानें इनकी विशेषताए

July 14, 2025
सावन के सोमवार क्यों होते है इतने खास ? जानें इनकी विशेषताएँ

आज सावन का पहला सोमवार है. एक ऐसा पावन दिन जो ना सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित है, बल्कि भारत की संस्कृति, प्रकृति और जन-जन से गहराई से जुड़ा हुआ है। श्रावण मास के सोमवार न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पर्यावरण दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

व्रत की मान्यता

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शिव जी का प्रिय सोमवार का दिन बहुत खास माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धा से व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है, उसे जीवन की बड़ी-बड़ी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक मानी जाती है जो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हों, जो विवाह में विलंब का सामना कर रहे हों, या जो आर्थिक तंगी या दरिद्रता से घिरे हों।

पूजन विधि

प्रातः काल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं, या नजदीकी शिव मंदिर में जा सकते है। शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल अर्पित करें।

पूजा का धार्मिक महत्व

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भगवान शिव की पूजा खासतौर से सोमवार को की जाती है। मान्यता है कि वैवाहिक जीवन के लिए शिव जी की पूजा सोमवार को करने से परेशानियां दूर होती हैं। कुंवारी कन्याएं इस व्रत को विशेष श्रद्धा से करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो। यह व्रत नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर करने में सहायक माना जाता है। इसके अलावा स्वास्थ्य, संतान और आर्थिक समस्याएं भी दूर होती हैं।

सावन के पहले सोमवार पर विशेष उपाय

सावन के पहले सोमवार को यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक शिव पूजन किया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं। खासकर इस दिन किया गया एक छोटा सा उपाय भी जीवन में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से पहले करें। शिवलिंग पर शांत भाव से जल की धारा अर्पित करें और उसके साथ ताजे बेलपत्र, आक-धतूरा, और सफेद पुष्प भी चढ़ाएं. पूजा के बाद शिव मंदिर में एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं।

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