Gujarat Day 2025: क्यों मनाया जाता है गुजरात दिवस?

हर वर्ष 1 मई को गुजरात दिवस मनाया जाता है। यह दिन गुजरात राज्य के गठन की याद में मनाया जाता है। 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य का विभाजन कर दो नए राज्य बनाए गए – महाराष्ट्र और गुजरात। इस ऐतिहासिक दिन ने गुजरात को अपनी अलग पहचान दी।

गुजरात के गठन का इतिहास

स्वतंत्रता के बाद भारत में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग उठी। गुजराती भाषी लोगों ने अपने लिए अलग राज्य की मांग की थी। कई आंदोलनों और संघर्षों के बाद केंद्र सरकार ने इसे मान लिया और 1 मई 1960 को 'गुजरात राज्य' का औपचारिक गठन हुआ। इसी दिन को 'गुजरात स्थापना दिवस' या 'गुजरात दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

गुजरात की विशेषताएं

गुजरात न केवल भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक धरोहर, वीरता और व्यापारिक कौशल के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां महात्मा गांधी का जन्मस्थान पोरबंदर है। गुजरात की ऐतिहासिक धरोहरें जैसे कि मोधेरा का सूर्य मंदिर, साबरमती आश्रम, गिर राष्ट्रीय उद्यान और द्वारका का धार्मिक महत्व इसे विशिष्ट बनाते हैं।

गुजरात देश के सबसे औद्योगिक और विकसित राज्यों में गिना जाता है। यहाँ की कच्छ की रणभूमि, नवरात्रि का गरबा, और जीवंत हस्तशिल्प पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, गुजरात ने देश को कई महान नेता और उद्योगपति भी दिए हैं।

गुजरात दिवस का महत्त्व

गुजरात दिवस न केवल राज्य के गठन का उत्सव है, बल्कि यह दिन गुजरातियों के संघर्ष, एकता और गौरव का प्रतीक भी है। इस दिन राज्य भर में परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह और प्रदर्शनी आयोजित की जाती हैं। लोग पारंपरिक पोशाक पहनकर अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं। सरकारी भवनों को रोशनी से सजाया जाता है और कई जगहों पर विशेष झंडारोहण भी होता है।

गुजरात दिवस हमें अपने इतिहास, संस्कृति और विकास के सफर की याद दिलाता है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी विरासत पर गर्व करें और राज्य तथा देश की उन्नति के लिए निरंतर प्रयास करें।