वैशाली, गाज़ियाबाद: आज कल घी, दूध, मक्खन, पनीर, आदि सभी खाद्य पदार्थों को लेकर देश भर में नकली माल पकड़ा जाने के मामले सामने आ रहे है, हाल ही में नोएडा में कई सो टन नकली पनीर पकड़े जाने का मामला सामने आया है, ऐसे में किस कंपनी या व्यक्ति पर भरोसा किया जा सकता है? ताज़ा मामला गाज़ियाबाद के वैशाली इलाके का है जहां देसी घी के टीन और 1 केजी के कई नकली पैकेट पाए गए हैं, जांच में मालूम चला है कि घी में मिलावट है, न मालूम कितने ही लोग इस घी का सेवन नाना प्रकार से करके सोच रहे होंगे कि वे अच्छे दुकानदार से अच्छे ब्रांड का देसी घी लिया है। देसी घी के शौकीनों के लिए ये एक दुखद ख़बर है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में बसे वैशाली इलाके में छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली घी पकड़ा है। इस घी को मधुसूदन ब्रांड की पैकिंग में करके बेचा जा रहा था। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। डिपार्टमेंट ने घी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरविंद यादव ने बताया कि मधुसूदन कंपनी के अधिकारियों की तरफ से खाद्य सुरक्षा विभाग में शिकायत की गई थी कि वैशाली इलाके में उनके ब्रांड से नकली घी बेचा जा रहा है। इसी शिकायत के आधार पर विभाग की टीम ने कौशांबी थाना पुलिस को साथ लेकर वैशाली में लक्ष्मी जनरल स्टोर और लक्ष्मी जनरल स्टोर (दूसरी ब्रांच) पर छापा मारा।
इस दौरान टीम को वहां मधुसूदन ब्रांड के नाम पर बेचा जा रहा नकली देसी घी भारी मात्रा में रखा मिला। घी की इस खेप से संबंधित बिल आदि मांगने पर दुकानदार कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दोनों स्टोर से नकली घी के 900 एमएल के 90 पैकेट और 15 किलो वजन वाले 5 टिन जब्त कर लिए। दोनों दुकानदार भाइयों विनय अग्रवाल और भारत अग्रवाल को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
पुलिस द्वारा सख्ती दिखने पर दोनों भाइयों ने स्वीकार किया कि वे इस नकली घी को असली बताया कर बेचते थे और ज़्यादा मुनाफा कमाते थे। घी के सैम्प्ल्स को सम्पूर्ण लैब टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपी भाइयों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 63, 65 और बीएनएस की धारा 274, 275 में मामला दर्ज किया है।
नकली घी को पहचानने के लिए घर में ही कुछ तरीके अपनाएं जा सकते हैं।
- शुद्ध घी का स्वाद और महक नकली घी से बिल्कुल अलग होता है और नकली घी को महक से आसानी से पहचाना जा सकता है।
शुद्ध देसी घी को जब ठंडा किया जाता है तो ये दानेदार हो जाता है।
शुद्ध देसी घी का स्मोकिंग प्वाइंट ज्यादा होता है। आसानी से देसी घी नहीं जलता।
- एफएसएसएआई के मुताबिक अगर घी में स्टार्च की मिलावट है तो किसी कांच की गिलास में एक चम्मच घी को डालें और उसमे एक से दो बूंद आयोडीन डाल दें। घी अगर मिलावटी होगा तो तुरंत रंग बदल जाएगा।