बिहार: चिराग पासवान ने ओवैसी की पार्टी और आरजेडी पर क्या कहा?

July 04, 2025
बिहार: चिराग पासवान ने ओवैसी की पार्टी और आरजेडी पर क्या कहा?

अभी हाल ही में, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति को लेकर, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पर कई बयान दिए हैं।

उनके बयानों का सार कुछ इस प्रकार है:

  1. आरजेडी पर हमला (जंगलराज के आरोप): चिराग पासवान ने कई बार RJD पर बिहार में जंगलराज के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि जंगलराज के लिए केवल RJD ही नहीं, कांग्रेस भी जिम्मेदार है। यह बयान अक्सर तब आता है जब वह एनडीए के भीतर नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की बात करते हैं।

  2. AIMIM (ओवैसी) पर बयान:

    • वक्फ कानून पर: चिराग पासवान ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के वक्फ कानून को लेकर नीतीश कुमार और चिराग पासवान की राजनीति की आलोचना पर पलटवार किया है। ओवैसी ने दावा किया था कि इस कानून से मुस्लिम समुदाय को नुकसान होगा और नीतीश-चिराग जैसे नेता वक्फ जायदाद का फैसला नहीं कर सकते। चिराग ने अप्रत्यक्ष रूप से ओवैसी के इस आरोप पर टिप्पणी की है।

    • वोट कटवा पार्टी का आरोप (अप्रत्यक्ष): अतीत में (लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान), चिराग पासवान ने यह भी कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी (AIMIM) इंडिया अलायंस (महागठबंधन) को नुकसान पहुंचाएगी, खासकर उन सीटों पर जहां मुस्लिम आबादी निर्णायक है। हालांकि, हालिया खबरों में ओवैसी ने खुद महागठबंधन से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं, लेकिन चिराग ने AIMIM को आरजेडी को नुकसान पहुंचाने के लिए दोषी नहीं ठहराने की बात भी कही है (यह एक जटिल राजनीतिक बयानबाजी है, जहां एक-दूसरे पर परोक्ष रूप से आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं)।

    • सीट बंटवारे पर (AIMIM और RJD के बीच): चिराग पासवान और भाजपा के अन्य नेता अक्सर यह दावा करते रहे हैं कि एआईएमआईएम को आरजेडी की ओर से मन मुताबिक सीटें नहीं मिलेंगी, जिसके बाद वे अकेले चुनाव लड़ेंगे और यह सिर्फ एक तमाशा होगा।

  3. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर फोकस: चिराग पासवान ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी एनडीए को मजबूती देने के लिए सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, भले ही वह खुद हर सीट पर न लड़ें। उनका लक्ष्य एनडीए की जीत सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका राजनीति में आने का कारण 'बिहार और बिहारी रहे हैं और वह जल्द बिहार में और अधिक सक्रिय रहना चाहते हैं, भले ही उन्हें कोई पद न मिले।∎

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