उस्मान हादी की मौत के बाद बचे हड़कंप पर अब तक कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी इसी क्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की है और अंतरिम सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।
बता दें कि, गुरुवार को भड़की हिंसा में ढाका में दो अख़बारों 'प्रथम आलो' (Prothom Alo) और 'द डेली स्टार' (The Daily Star) के दफ़्तरों समेत कई इमारतों पर हमले किए गए और भारतीय उच्चायोग को भी निशाना बनाया गया। एक हिन्दू युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई।
भारतीय सांसद शशि थरूर ने हिन्दू युवक की हत्या के मामले पर लिखा, "इस ग़रीब हिंदू युवक की अपराधियों के हाथों हुई हत्या पर मैं बांग्लादेश सरकार की ओर से की गई निंदा की सराहना करता हूं। लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठता हूं कि सरकार हत्यारों को सज़ा दिलाने के लिए क्या कर रही है।"
An unbearably tragic incident amid the mob rule that is raging across Bangladesh. While mourning the loss of this poor Hindu man at the hands of unspeakable criminals, I appreciate the condemnation issued by the Government of Bangladesh, but must ask them what they are doing to… https://t।co/He2Qii473j
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 20, 2025
अपने बयान में उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सवाल किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कौन से क़दम उठाए जा रहे हैं?
वहीं उन्होंने मीडिया पर हमले को लेकर लिखा, "प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ़्तरों पर हुए हमलों और आगज़नी की घटनाएं सिर्फ़ दो मीडिया संस्थानों पर हमला नहीं हैं, बल्कि प्रेस की आज़ादी और बहुलवादी समाज की बुनियाद पर सीधा हमला हैं।"
Deeply concerned by the reports from Bangladesh. The targeted mob attacks and arson at the offices of @ProthomAlo and The @dailystarnews are more than just an assault on two media houses; they are an assault on the freedom of the press and the very foundation of a pluralistic…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 20, 2025
आगे वे कहते हैं, "बढ़ते सुरक्षा ख़तरों के चलते खुलना और राजशाही में भारतीय सहायक उच्चायोगों में वीज़ा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित किया जाना एक बड़ा झटका है। इसका सीधा असर छात्रों, मरीज़ों और उन परिवारों पर पड़ता है।"
आपको बता दें कि, अगले वर्ष फरवरी माह में बांग्लादेश में होने वाले चुनाव पर उन्होंने कहा कि हिंसा और असहनशीलता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक 'बुरा संकेत' है।
शशि थरूर ने कहा कि एक स्थिर और समृद्ध पड़ोस के लिए अंतरिम सरकार को यह सुनिश्चित को लेकर कुछ बातों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा:-