संभाजीराजे शिवाजीराजे भोसले एक प्रतिष्ठित मराठा राजघराने से संबंधित व्यक्तित्व हैं, जो छत्रपती शिवाजी महाराज के वंशज हैं। वे न केवल एक राजपरिवार के सदस्य हैं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक नेता के रूप में भी उन्होंने विशेष पहचान बनाई है।
जन्म | 14 मई 1657 पुरंदर क़िला, अहमदनगर सूबा, मुग़ल साम्राज्य |
निधन | 11 मार्च 1689 तुलापुर, अहमदनगर सूबा, मुग़ल साम्राज्य |
जीवनसंगी | येसुबाई |
संतान | भवानी बाईशाहू |
पिता | शिवाजी |
माता | सईबाई |
धर्म | हिन्दू धर्म |
संभाजीराजे का जन्म 14 May 1657 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। वे छत्रपती शाहू महाराज के वंशज हैं, जो सामाजिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं। संभाजीराजे का परिवार मराठा साम्राज्य की गौरवशाली परंपरा से जुड़ा हुआ है, और उन्होंने उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।
संभाजीराजे ने अपनी शिक्षा महाराष्ट्र और विदेश में प्राप्त की। वे शुरू से ही समाज सेवा में रुचि रखते थे। उन्होंने युवाओं, किसानों, और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाओं और आंदोलनों में भाग लिया।
विशेष रूप से मराठा आरक्षण आंदोलन में उनकी भूमिका सराहनीय रही है। उन्होंने शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से मराठा समुदाय के अधिकारों की आवाज उठाई।
संभाजीराजे को 2016 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से कार्य किया। वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज के हित में काम करने के लिए जाने जाते हैं।
संभाजीराजे केवल एक राजघराने के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि एक आधुनिक सामाजिक नेता हैं जो परंपरा और प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं। वे युवाओं को प्रेरित करते हैं कि वे अपने इतिहास से जुड़ें और समाज की भलाई के लिए आगे आएं।
संभाजीराजे शिवाजीराजे भोसले मराठा गौरव और सामाजिक नेतृत्व का प्रतीक हैं। वे उन विरले व्यक्तित्वों में से हैं जो इतिहास की विरासत को आधुनिक सोच से जोड़ने का कार्य करते हैं। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।