सुनील गावस्कर : जन्मदिन विशेष 10 जुलाई

July 10, 2024
सुनील गावस्कर : जन्मदिन विशेष 10 जुलाई

सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक हैं। गावस्कर को सर्वकालिक महान सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है।

  • सुनील गावस्कर का पूरा नाम है सुनील मनोहर गावस्कर। उन्हें लोग सनी एंड द लिटिल मास्टर के उपनाम से भी जानतें है। 
  • 10 जुलाई, 1949 को वे बॉम्बे (अब मुंबई) शहर में जन्में थे। सुनील का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में मनोहर गावस्कर और मीनल गावस्कर के घर हुआ था। उन्हें छोटी उम्र से ही क्रिकेट पसंद था और इसमें कोई आश्चर्य की इसलिए नहीं थी क्योंकि उनके पिता एक अच्छे क्लब खिलाड़ी थे और उनके मामा माधव मंत्री पूर्व भारतीय टेस्ट विकेटकीपर थे।
  • वह सेंट जेवियर्स स्कूल गए। यह स्कूल अपनी क्रिकेट ट्रडिशन्स के लिए प्रसिद्ध था। उन्होंने अपने स्कूल के दौरान बहुत क्रिकेट खेला और 1966 में उन्हें भारत का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ स्कूलबॉय क्रिकेटर नामित किया गया। उन्होंने 1966-67 में वज़ीर सुल्तान कोल्ट्स XI के लिए खेलते हुए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।
  • भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी, गावस्कर, जिन्हें खेल के सर्वकालिक महान सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है; ने 47 टेस्ट (अंतर्राष्ट्रीय) मैचों में कुशलतापूर्वक भारतीय टीम की कप्तानी की और कुल 125 टेस्ट मैचों के अपने करियर के दौरान खेल पर अपना दबदबा बनाया।
Competition Test ODI FC LA
Matches 125 108 348 151
Runs scored 10,122 3,092 25,834 4,594
Batting average 51.12 35.13 51.46 36.17
100s/50s 34/45 1/27 81/105 5/37
Top score 236(not out) 103(not out) 340 123
Balls bowled 380 20 1,953 108
Wickets 1 1 22 2
Bowling average 206.00 25.00 56.36 40.50
5 wickets in innings 0 0 0 0
10 wickets in match 0 0 0 0
Best bowling 1/34 1/10 3/43 1/10
Catches 108 22 293 37
src : wikipedia

गावस्कर द्वारा अर्जित सम्मान व उपलब्धियां 

  • वह टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने। 
  • उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया और एक समय में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक और सबसे ज्यादा टेस्ट रनों का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
  • उन्हें 2012 में प्रतिष्ठित कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
  • भारत सरकार ने क्रिकेट की दुनिया में उनके योगदान को देखते हुए 1980 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया।
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