यूनेस्को की धरोहरों की सूची भारतीय त्योहार, जानें पूरी सूची

December 10, 2025
UNESCO festival dipawali

यूं तो भारतीय त्योहार विश्व भर में चर्चित हैं व मनाए जाते हैं, लेकिन भारत के इस सबसे बड़े एवं महत्वपूर्ण त्योहार को अब विश्व में एक ऐसी पहचान मिली है जिसे सुन कर आप गौरव और गर्व से भर जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को (UNESCO) ने इस 'प्रकाश पर्व' को अपनी प्रतिष्ठित 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल कर लिया है।

यूनेस्को ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए, बधाई दी है।

दीपावली को यह विशेष पहचान मिलने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान राम के अयोध्या लौटने के प्रतीक और दुनिया भर में मनाये जाने वाले दीपावली के त्योहार को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है।"

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, "भारत और दुनिया भर के लोग उत्साहित हैं। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किए जाने से इस त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता और बढ़ेगी।"

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "‘दीपावली’ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने की खुशी है। इस सूची में शामिल किया जाना, इस त्योहार के व्यापक सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और लोगों को एक साथ लाने में इसकी भूमिका को मान्यता देना है।"

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) क्या है?

यूनेस्को की आधिकारिक वेबसाईट के अनुसार,

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत वे प्रथाएँ, अभिव्यक्तियाँ, ज्ञान और कौशल आते हैं, जिन्हें समुदाय, समूह तथा कभी-कभी व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक विरासत के भाग के रूप में पहचानते हैं।

  • इसमें ऐसी विरासत से जुड़े उपकरण, वस्तुएँ, कलाकृतियाँ और सांस्कृतिक स्थान भी शामिल हैं।
  • ICH यह सुनिश्चित करता है कि सांस्कृतिक विरासत स्मारकों और वस्तुओं के संग्रह पर समाप्त न हो। इसमें परंपराएँ या जीवंत अभिव्यक्तियाँ भी शामिल हैं।

वे कौन-से डोमेन हैं जिनमें अमूर्त सांस्कृतिक विरासत प्रकट होती है?

  • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिये यूनेस्को के वर्ष 2003 कन्वेंशन के अनुसार, ICH पाँच व्यापक डोमेन में प्रकट होता है:
    • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के वाहक के रूप में भाषा सहित मौखिक परंपराएँ और अभिव्यक्तियाँ।
    • कला प्रदर्शन
    • सामाजिक प्रथाएँ, रीति-रिवाज़ और उत्सव संबंधी कार्यक्रम
    • प्रकृति और ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान व अभ्यास
    • पारंपरिक शिल्प कौशल

भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत क्या है?

  • ICH ऑफ ह्यूमैनिटी की प्रतिनिधि सूची में गुजरात के गरबा (2023) के हालिया शिलालेख के साथ, भारत के पास अब प्रतिष्ठित यूनेस्को की ICH ऑफ ह्यूमैनिटी की प्रतिनिधि सूची में 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्त्व हैं।
  • भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची:

क्रम संख्या

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्त्व 

शिलालेख का वर्ष

1.

कुटियाट्टम, संस्कृत थियेटर

2008 

2.

वैदिक जप की परंपरा

2008 

3.

रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन

2008

4.

रम्माण, भारत के गढ़वाल हिमालय के धार्मिक उत्सव और परंपरा का मंचन

2009 

5.

छऊ नृत्य

2010 

6.

राजस्थान के कालबेलिया लोक गीत और नृत्य

2010

7.

मुदियेट्टू, केरल का अनुष्ठान थियेटर और नृत्य नाटक

2010 

8.

लद्दाख का बौद्ध जप: हिमालयी लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ

2012

9.

मणिपुर का संकीर्तन, अनुष्ठान गायन, ढोलक बजाना और नृत्य करना 

2013 

10.

जंडियाला गुरु, पंजाब, भारत के ठठेरों के बीच पारंपरिक तौर पर पीतल और ताँबे के बर्तन बनाने का शिल्प

2014

11.

नवरोज़

2016

12.

योग

2016

13.

कुंभ मेला

2017

14.

कोलकाता में दुर्गा पूजा

2021

15.

गुजरात का गरबा

2023

*ऊपर दिखाई गई तालिका का डाटा दृष्टिआईएएस की वेबसाईट से लिया गया है

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