यूं तो भारतीय त्योहार विश्व भर में चर्चित हैं व मनाए जाते हैं, लेकिन भारत के इस सबसे बड़े एवं महत्वपूर्ण त्योहार को अब विश्व में एक ऐसी पहचान मिली है जिसे सुन कर आप गौरव और गर्व से भर जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को (UNESCO) ने इस 'प्रकाश पर्व' को अपनी प्रतिष्ठित 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल कर लिया है।
यूनेस्को ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए, बधाई दी है।
🔴 BREAKING
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) December 10, 2025
New inscription on the #IntangibleHeritage List: Deepavali, #India🇮🇳.
Congratulations!https://t।co/xoL14QknFp #LivingHeritage pic।twitter.com/YUM7r6nUai
दीपावली को यह विशेष पहचान मिलने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान राम के अयोध्या लौटने के प्रतीक और दुनिया भर में मनाये जाने वाले दीपावली के त्योहार को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है।"
A joyous moment as Deepavali, the festival of lights, marking the triumph of good over evil and the return of Lord Rama to his kingdom Ayodhya, which is celebrated globally, is added to the @UNESCO Intangible Cultural Heritage list. pic।twitter।com/h2vtdBihBn
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 10, 2025
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, "भारत और दुनिया भर के लोग उत्साहित हैं। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किए जाने से इस त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता और बढ़ेगी।"
People in India and around the world are thrilled.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
For us, Deepavali is very closely linked to our culture and ethos. It is the soul of our civilisation. It personifies illumination and righteousness. The addition of Deepavali to the UNESCO Intangible Heritage List will… https://t।co/JxKEDsv8fT
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "‘दीपावली’ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने की खुशी है। इस सूची में शामिल किया जाना, इस त्योहार के व्यापक सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और लोगों को एक साथ लाने में इसकी भूमिका को मान्यता देना है।"
Glad to learn of the inscription of ‘Deepavali’ in the @UNESCO Intangible Cultural Heritage of Humanity.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 10, 2025
It is a recognition of the festival’s immense cultural, religious and spiritual significance and of its role in bringing people together. https://t.co/PSWcqgjFVI
यूनेस्को की आधिकारिक वेबसाईट के अनुसार,
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत वे प्रथाएँ, अभिव्यक्तियाँ, ज्ञान और कौशल आते हैं, जिन्हें समुदाय, समूह तथा कभी-कभी व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक विरासत के भाग के रूप में पहचानते हैं।
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क्रम संख्या |
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्त्व |
शिलालेख का वर्ष |
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1. |
कुटियाट्टम, संस्कृत थियेटर |
2008 |
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2. |
वैदिक जप की परंपरा |
2008 |
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3. |
रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन |
2008 |
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4. |
रम्माण, भारत के गढ़वाल हिमालय के धार्मिक उत्सव और परंपरा का मंचन |
2009 |
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5. |
छऊ नृत्य |
2010 |
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6. |
राजस्थान के कालबेलिया लोक गीत और नृत्य |
2010 |
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7. |
मुदियेट्टू, केरल का अनुष्ठान थियेटर और नृत्य नाटक |
2010 |
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8. |
लद्दाख का बौद्ध जप: हिमालयी लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ |
2012 |
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9. |
मणिपुर का संकीर्तन, अनुष्ठान गायन, ढोलक बजाना और नृत्य करना |
2013 |
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10. |
जंडियाला गुरु, पंजाब, भारत के ठठेरों के बीच पारंपरिक तौर पर पीतल और ताँबे के बर्तन बनाने का शिल्प |
2014 |
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11. |
नवरोज़ |
2016 |
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12. |
योग |
2016 |
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13. |
कुंभ मेला |
2017 |
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14. |
कोलकाता में दुर्गा पूजा |
2021 |
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15. |
गुजरात का गरबा |
2023 |
*ऊपर दिखाई गई तालिका का डाटा दृष्टिआईएएस की वेबसाईट से लिया गया है