उमर खालिद ने हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, हाई कोर्ट ने की जमानत रद्द

September 10, 2025
उमर खालिद, ताहिर हुसैन, खालिद सैफ़ी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, आसिफ़ इक़बाल तनहा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अथर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, देवांगना कलीता, फ़ैज़ान खान और नताशा नरवाल शामिल

जेएनयू के पूर्व शोधार्थी एवं सोशल एक्टिविस्ट उमर खालिद, दिल्ली 2020  दंगों की बड़ी साज़िश से जुड़े मामले में जमानत के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने पहुँचे। वे पिछले पांच वर्षों से UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत दर्ज इस केस में न्यायिक हिरासत रखे जा रहें हैं। यहाँ तक की कोरोना काल के समय तक देश के कैदियों को जेल कुछ समय के लिए रिहा किया गया तब भी खालिद जेल में अपने दिन बिता रहे थे।

उमर खालिद ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ ने उन्हें जमानत रद्द कर दिया था।

बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर भी उमर खालिद के नए पुराने विडिओ सामने आ रहे, जिनमें उनका एक दूसरा ही रूप दिखाई दे रहा है, जो कोर्ट के लगाए आरोपों से बिल्कुल भिन्न है।

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसी आदेश में अन्य आरोपियों शरजील इमाम, अथर खान, खालिद सैफ़ी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फ़ातिमा और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं। ग़ौरतलब है कि शरजील इमाम और गुलफिशा फ़ातिमा पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया इमाम और उमर खालिद की भूमिका गंभीर है, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से साम्प्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए जिनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर लामबंद करना था।

अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि मुकदमा अपने स्वाभाविक क्रम में आगे बढ़ना चाहिए, सरकर का कहना था कि जल्दबाज़ी में चलाया गया ट्रायल, न तो राज्य और न ही अभियुक्तों के लिए उचित होगा। यह मामला FIR संख्या 59/2020 से जुड़ा है, जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दर्ज किया था। इसमें IPC की कई धाराओं और UAPA की प्रावधानों के तहत आरोप पर ट्रायल चल रहे हैं। इस केस में आरोपियों में ताहिर हुसैन, खालिद सैफ़ी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, आसिफ़ इक़बाल तनहा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अथर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, देवांगना कलीता, फ़ैज़ान खान और नताशा नरवाल शामिल हैं।

इस मामले में एक दफा, जून, 2020 में सफूरा जरगर को गर्भावस्था के चलते मानवीय आधार पर जमानत दी गई थी। साथ ही इसी मामले में, जून 2021 में हाईकोर्ट ने मेरिट पर सुनवाई के बाद तीन अन्य आरोपियों आसिफ़ इक़बाल तनहा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिली थी। अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि उमर खालिद को जमानत पर रिहाई का लाभ मिल सकता है या नहीं।∎

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