भारतीय संगीत जगत में कुछ ऐसे कलाकार हुए हैं जिन्होंने अपनी अनोखी आवाज़ और सादगी से करोड़ों दिलों को छुआ है। लकी अली (मकसूद महमूद अली) उन्हीं में से एक नाम है। वे मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता महमूद अली के बेटे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी अलग पहचान गायक, संगीतकार और गीतकार के रूप में बनाई।
नाम |
मकसूद महमूद अली |
उपनाम |
लकी अली |
जन्म तिथि |
19 सितंबर 1958 |
जन्म स्थान |
मुंबई |
राष्ट्रीयता |
भारतीय |
पेशा |
गायक-गीतकार, संगीतकार, संगीतकार, रिकॉर्ड निर्माता, अभिनेता |
पिता का नाम |
महमूद अली |
मां का नाम |
मधु अली |
वैवाहिक स्थिति |
केट एलिजाबेथ हॉलम |
शिक्षा |
उन्होंने मानेकजी कूपर (किंडरगार्टन) (जुहू), बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल, मुंबई, हैम्पटन कोर्ट, मसूरी, सेंट जॉर्ज कॉलेज, मसूरी और बिशप कॉटन बॉयज़ स्कूल, बैंगलोर में पढ़ाई की। |
पहली फिल्म |
सुनोह |
लकी अली का जन्म 19 सितम्बर 1958 को मुंबई में हुआ। वे अपने बचपन से ही संगीत और फिल्मों के माहौल में पले-बढ़े। हालांकि पिता की तरह उन्होंने फिल्मी दुनिया में हास्य अभिनय की राह नहीं चुनी, बल्कि खुद का रास्ता तलाशा। वे हमेशा से सादगीपूर्ण और आत्मीय जीवन जीने के पक्षधर रहे हैं।
लकी अली का पहला एल्बम "सुनो" (1996) आया, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इसमें "ओ सनम" गीत आज भी लोगों की यादों में ताज़ा है। उनकी आवाज़ की कशिश और गीतों की आत्मीयता ने श्रोताओं को गहराई से प्रभावित किया। इसके बाद उन्होंने "सिफर" (1998), "आक्सीज़न" (1999), "कभी ऐसा लगता है" (2004) जैसे कई सफल एल्बम दिए।
उनकी गायकी की खासियत यह रही कि उन्होंने पॉप संगीत को भारतीयता और सादगी के साथ प्रस्तुत किया। वे कभी भड़कीले अंदाज़ या ग्लैमर पर निर्भर नहीं रहे। उनकी आवाज़ में अपनापन, दर्द और जीवन की सच्चाई झलकती है।
संगीत के अलावा लकी अली ने कुछ फिल्मों में भी काम किया। उन्हें "सुर" (2002) फिल्म में उनके अभिनय के लिए काफी सराहना मिली। हालांकि वे फिल्मों में ज़्यादा सक्रिय नहीं रहे, लेकिन गायक के रूप में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
लकी अली का स्वभाव हमेशा से ही आध्यात्मिक और सादा रहा है। वे शहरी चकाचौंध से दूर, प्रकृति के करीब रहना पसंद करते हैं। अक्सर वे अपने फार्महाउस या यात्रा के दौरान संगीत से जुड़ाव बनाए रखते हैं।
लकी अली भारतीय संगीत जगत के ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने बिना शोर-शराबे के अपनी गायकी से अमिट छाप छोड़ी। उनकी आवाज़ आज भी सुकून देती है और उनके गीत पीढ़ियों को जोड़ते हैं। सादगी और आत्मीयता के साथ गाए गए उनके गाने हमेशा याद किए जाएंगे।