हिंदी सिनेमा में अगर खलनायक की बात की जाए तो कुछ नाम तुरंत दिमाग में आते हैं, उनमें से एक है प्रेम चोपड़ा। अपनी दमदार आवाज़, खतरनाक अंदाज़ और यादगार डायलॉग्स की वजह से प्रेम चोपड़ा ने हिंदी फिल्मों में खलनायकी को एक नई पहचान दी।
Born |
23 September 1935 Lahore, Punjab, British India (present-day Punjab, Pakistan) |
Occupation |
Actor |
Years active |
1960–present |
Spouse |
Uma Malhotra (m. 1969) |
Children |
3 |
Relatives |
Sharman Joshi (son-in-law) Vikas Bhalla (son-in-law) Prem Nath (brother-in-law) Rajendra Nath (brother-in-law) Narendra Nath (brother-in-law) Raj Kapoor (co-brother-in-law) |
प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर 1935 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार शिमला आ गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने फिल्मों में करियर बनाने का निश्चय किया और मुंबई का रुख किया।
प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्म “चौधरी करनैल सिंह” (1960) से की थी। धीरे-धीरे उन्हें हिंदी फिल्मों में भी मौके मिले। शुरुआती दौर में उन्होंने कुछ फिल्मों में हीरो की भूमिका निभाई, लेकिन बाद में वे खलनायक के रूप में अधिक प्रसिद्ध हुए।
1960 और 70 के दशक में प्रेम चोपड़ा ने खलनायक के तौर पर अपनी मजबूत छवि बनाई। उनकी गहरी आवाज़ और डायलॉग डिलीवरी दर्शकों को बेहद प्रभावित करती थी।
उनका मशहूर डायलॉग –
“प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा”
आज भी दर्शकों की जुबान पर चढ़ा हुआ है।
प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया। इनमें से कई फिल्में आज क्लासिक मानी जाती हैं।
प्रेम चोपड़ा की खासियत यह रही कि उन्होंने खलनायक के किरदार को सिर्फ डरावना ही नहीं बल्कि स्टाइलिश भी बनाया। उनकी एक्टिंग में एक खास किस्म का आकर्षण था, जिससे दर्शक खलनायक को भी पसंद करने लगे।
प्रेम चोपड़ा का विवाह उमा चोपड़ा से हुआ है, जो राज कपूर की पत्नी कृष्णा की बहन हैं। उनकी तीन बेटियां हैं – प्रेणा, रकिता और पंखुड़ी।
प्रेम चोपड़ा को हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले। उन्हें कई बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाज़ा गया और इंडस्ट्री में उन्हें सदाबहार खलनायक की उपाधि मिली।
प्रेम चोपड़ा सिर्फ एक खलनायक नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा के इतिहास का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने दिखाया कि नकारात्मक किरदार भी उतने ही प्रभावशाली हो सकते हैं जितने कि नायक। आज भी जब खलनायकों की चर्चा होती है तो प्रेम चोपड़ा का नाम सबसे पहले लिया जाता है।