बांग्लादेश केअंतरिम मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का कहना है कि पिछले साल देश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया। साथ ही इस मुद्दे पर भारत को भी घसीटा और बयान दिया है।
एक इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस से पूछा गया, "बांग्लादेश में पिछले साल नवंबर में 30 हज़ार से ज़्यादा हिंदू आपकी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए जुटे। उनका कहना था कि हिंदुओं पर हज़ारों हमले हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह मुद्दा उठाया और बांग्लादेश में हुई हिंसा को बर्बर बताया। इस तरह की हिंसा को कंट्रोल करने के लिए क्या किया गया?"
I asked interim Bangladeshi leader and Nobel Peace Laureate Muhammad Yunus about accusations of anti-Hindu violence in his country since the revolution that forced out the Hasina government.
— Mehdi Hasan (@mehdirhasan) October 2, 2025
Watch his response below, and the full interview here:https://t.co/vQGDaoyk89 pic.twitter.com/MX7UEiZsDo
इसके बाद पत्रकार और मोहम्मद यूनुस की लंबी बातचीत चली....
जिसपर मोहम्मद यूनुस ने कहा, "सबसे पहली बात तो ये सब फ़ेक न्यूज़ हैं। आप इन्हें सही नहीं मान सकते।"
पत्रकार: "मैंने इसे डोनाल्ड ट्रंप के हवाले से कहा और आप इसे फ़ेक न्यूज़ कह रहे हैं?"
यूनुस ने कहा, "हां! चाहे डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा कुछ कहा हो या चाहे उनके पास इसकी जानकारी हो कि बांग्लादेश में अभी क्या कुछ हो रहा है।"
पत्रकार ने उनसे पूछा, "मतलब कि आप यह कह रहे हैं कि न केवल इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया, बल्कि हिंदुओं के ख़िलाफ़ कोई हिंसा हुई ही नहीं। यहां तक कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी ख़बरें चलाईं कि बांग्लादेश में कई दौर की हिंसाएं हुईं। पुलिस ने एक हिंदू मॉन्क को पिछले नवंबर में गिरफ़्तार किया... ये सब चीज़ें हुईं, है ना? आप इससे मुकर नहीं सकते।"
इस पर यूनुस ने कहा, "वर्तमान में भारत की ख़ासियतों में एक है- फ़ेक न्यूज़. बहुत सारी फ़ेक न्यूज़।"
पत्रकार ने कहा, "मैं आपकी बात समझ रहा हूं। लेकिन मैं ये कह रहा हूं कि क्या बांग्लादेश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ कोई हिंसा नहीं हुई?"
इस पर यूनुस ने कहा, "जब सामान्य संबंध चल रहे हों तो कभी कभार विवाद, पारिवारिक समस्या, ज़मीनी विवाद और भी चीजे़ं हैं... अगर आप मेरे हिंदू पड़ोसी हैं और मैं मुस्लिस पड़ोसी। हमारे बीच ज़मीन को लेकर विवाद है, ठीक दो पड़ोसी की तरह। तो आप अगर इसे हिंदू-मुस्लिम के बीच विवाद बता रहे हैं, तो ऐसा नहीं है।"∎