अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ़ पर निचली अदालत के फ़ैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। निचली अदालत ने उनके कई टैरिफ़ फ़ैसलों को गैरकानूनी करार दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने अपील दायर की है।
ट्रंप का तर्क: राष्ट्रपति को शुल्क लगाने का अधिकार है
बुधवार रात ट्रंप प्रशासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें जजों से इस मामले में तुरंत दखल देने की अपील की गई है। याचिका में यह मांग की गई है कि राष्ट्रपति के पास दूसरे देशों पर ऐसे आयात शुल्क लगाने की शक्ति है।
पिछले हफ्ते, निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रंप ने 'इमरजेंसी इकॉनॉमिक पावर्स एक्ट' के तहत जो टैरिफ़ लगाए हैं, वे राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। अदालत ने स्पष्ट किया था कि शुल्क लगाने का अधिकार पूरी तरह से अमेरिकी संसद (कांग्रेस) का है।
छोटे कारोबारियों ने दी है चुनौती
ट्रंप के टैरिफ़ वाले फैसलों को छोटे कारोबारियों ने कोर्ट में चुनौती दी है। उनके वकीलों ने भरोसा जताया है कि वे यह केस जीतेंगे।
यदि सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के फैसले की समीक्षा से इनकार कर देता है, तो यह फैसला 14 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा। ऐसा होने पर ट्रंप के आर्थिक और विदेश नीति के एजेंडे को बड़ा झटका लग सकता है। उन्हें टैरिफ़ के नाम पर मिले अरबों डॉलर भी वापस लौटाने पड़ सकते हैं।