कौन हैं कशिश मेथवानी?
कशिश मेथवानी का जन्म 9 जनवरी 2001 को मुम्बई के उल्हासनगर में हुआ, एक सिंधी परिवार में। उनके पिता डॉ. गुरमुख दास वैज्ञानिक हैं, जो डी.जी.क्यू.ए. (Directorate General of Quality Assurance), रक्षा मंत्रालय में वरिष्ठ पद पर रहे। माँ, शोभा मेथवानी, आर्मी पब्लिक स्कूल, घोरपड़ी में शिक्षिका थीं।
उनकी बहन, शगुफ्ता, एक इंजीनियर हैं।
शिक्षा और प्रारंभिक उपलब्धियाँ
- उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया है, सवित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से।
- इसके अलावा, उन्होंने बायोलॉजी/न्यूरोसाइंस में शोध किया है, IISc बेंगलूरु में
- उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhD ऑफर भी मिली थी लेकिन उन्होंने वह विकल्प न चुनकर सेना की ओर मार्ग लिया।
- स्कूल/कॉलेज जीवन से ही उन्होंने NCC (National Cadet Corps) से जुड़ाव रखा। NCC में रहते हुए उन्हें राष्ट्र-गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने और “All India Best Cadet Trophy” जैसे पुरस्कार मिलने का अनुभव हुआ।
सौंदर्य प्रतियोगिताएँ और ग्लैमरस जीवन

- कशिश ने Miss International India 2023 का खिताब जीता।
- इसके पहले उन्होंने मॉडलिंग, ग्लैमुर और पेजेंटरी-दुनिया में भी कदम रखा था।
- उन-उनमें अभिनय या बड़ी-मॉडलिंग ऑफ़र भी आई होगी लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को बदलने का निर्णय लिया।
सेना का चुनाव: ग्लैमर से दूर
- उन्होंने 2024 की Combined Defence Services (CDS) परीक्षा उत्तीर्ण की और All India Rank 2 हासिल की।
- इसके बाद उन्होंने Officers’ Training Academy (OTA), चेन्नई में प्रशिक्षण लिया।
- 6 सितंबर 2025 को उन्हें भारतीय सेना की Air Defence Regiment में अधिकारी के रूप में कमीशन दिया गया, लेफ्टिनेंट के पद से।
विशेषताएँ और प्रेरणा
- कशिश की यह कहानी सिर्फ ग्लैमर छोड़ने की नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे विविध रुचियाँ, शिक्षा, आत्म-विश्वास और सेवा की भावना एक व्यक्ति को अद्भुत मंज़िलों तक पहुंचा सकती हैं।
- उन्होंने जीवन में “और” (and) की सोच अपनाई — न कि “या” (or)। यानी कि ग्लैमरस जीवन हो, विज्ञान हो, सामाजिक सेवा हो, और देश सेवा — तीनों साथ चले।
- उनके NCC अनुभव ने अनुशासन, नेतृत्व, समय प्रबंधन जैसी खूबियाँ सिखाईं।
कशिश मेथवानी एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं कि जब किसी की चाह हो, दृढ़ इच्छा शक्ति हो और लक्ष्य साफ हो — तो ग्लैमर के आकर्षण से बड़े-बड़े विकल्प पीछे छूट सकते हैं। उन्होंने एक सुंदर मुकाम हासिल किया — जहां वे सिर्फ एक सौंदर्य प्रतियोगिता विजेता नहीं, बल्कि भारतीय सेना की कमान संभालने वाली अधिकारी हैं। उनके इस फैसले ने यह संदेश दिया है कि देशभक्ति और आत्म-निर्भरता भी सपने हो सकते हैं, और ग्लैमर से भी महान लक्ष्य हो सकते हैं।