भारतीय फिल्म जगत में महेश भट्ट का नाम एक ऐसे निर्देशक और निर्माता के रूप में लिया जाता है जिन्होंने हिंदी सिनेमा को नई दिशा और सोच दी। महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1948 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। वे एक भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, पटकथा लेखक और संवाद लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
जन्म |
20 सितम्बर 1948 मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयता |
भारतीय |
पेशा |
निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक |
जीवनसाथी |
किरण भट्ट सोनी राज़दान |
बच्चे |
पूजा भट्ट (1972) राहुल भट्ट (1982) Shaheen Bhatt (1988) आलिया भट्ट (1993) |
माता-पिता |
नानाभाई भट्ट शिरीन मोहम्मद अली |
महेश भट्ट के पिता का नाम नानाभाई भट्ट और माता का नाम शिरीन मोहम्मद अली था। उनका परिवार बहुसांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा था, जिसने उनके जीवन और सोच पर गहरा असर डाला। पढ़ाई के दौरान ही वे फिल्मों और रचनात्मक कार्यों की ओर आकर्षित हुए और युवावस्था में ही फिल्म निर्माण की दुनिया में कदम रख दिया।
महेश भट्ट ने अपने करियर की शुरुआत बतौर निर्देशक 1974 में फिल्म "मंजिलें और भी हैं" से की। हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन 1982 में आई फिल्म "अर्थ" ने उन्हें हिंदी सिनेमा में एक अलग पहचान दिलाई। यह फिल्म उनकी निजी जिंदगी से प्रेरित थी और भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित हुई।
इसके बाद उन्होंने "सारांश" (1984), "नाम" (1986), "जख्म" (1998) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। उनकी फिल्मों की खासियत यह रही कि वे समाज की सच्चाइयों और व्यक्तिगत संघर्षों को बड़े पर्दे पर गहराई से प्रस्तुत करते थे।
महेश भट्ट ने निर्देशन के साथ-साथ निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में भी बेहतरीन काम किया। उन्होंने भट्ट कैंप के तहत कई सफल फिल्में बनाईं, जिनमें "राज", "जिस्म", "मर्डर", "आशिकी 2" जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को नए सितारे दिए और संगीत के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान किया।
महेश भट्ट का निजी जीवन भी काफी चर्चा में रहा है। उन्होंने दो शादियां कीं। पहली पत्नी का नाम किरण भट्ट (जन्म नाम लॉरेन ब्राइट) और दूसरी पत्नी का नाम सोनी राजदान है। उनकी संतानों में पूजा भट्ट, आलिया भट्ट, शाहीन भट्ट और राहुल भट्ट शामिल हैं। आलिया भट्ट आज बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में गिनी जाती हैं।
महेश भट्ट न केवल फिल्मों के लिए बल्कि समाज और साहित्य के प्रति भी अपनी संवेदनशील सोच के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया और इंडस्ट्री को कई नए कलाकार दिए। 1999 में उनकी फिल्म "जख्म" को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया।
महेश भट्ट एक ऐसे फिल्मकार हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा में यथार्थवादी विषयों और साहसिक कहानियों को जगह दी। वे भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। चाहे वह निर्देशक हों, लेखक हों या निर्माता—महेश भट्ट का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।