विद्या बालन, बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से हैं, जिन्होंने अपनी दमदार अदाकारी और आत्मविश्वास से फिल्म इंडस्ट्री में एक खास जगह बनाई है। उनका जन्म 1 जनवरी 1979 को केरल के पलक्कड़ में हुआ, लेकिन उन्होंने अपना बचपन मुंबई में बिताया।
विद्या ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे के शो 'हम पांच' से की, लेकिन उनका सपना बड़े पर्दे पर चमकने का था। शुरुआती दिनों में उन्हें कई रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
जन्म | 1 जनवरी, 1979 |
पेशा | भारतीय अभिनेत्री |
सफल फ़िल्म | 'लगे रहो मुन्नाभाई', 'गुरु' और 'भूल भुलैया' |
शादी | सिद्धार्थ रॉय कपूर |
पुरस्कार | सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारपद्म श्री |
2005 में फिल्म 'परिणीता' से विद्या ने बॉलीवुड में कदम रखा और अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने 'लगे रहो मुन्नाभाई', 'गुरु' और 'भूल भुलैया' जैसी हिट फिल्मों में काम किया।
विद्या ने 'द डर्टी पिक्चर' (2011) में सिल्क स्मिता का किरदार निभाकर सभी को चौंका दिया। इसके बाद 'कहानी', 'तुम्हारी सुलु', और 'शेरनी' जैसी फिल्मों में उन्होंने साबित कर दिया कि एक महिला प्रधान किरदार भी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा सकता है।
विद्या बालन ने न केवल बॉलीवुड में महिला किरदारों की परिभाषा बदली, बल्कि अपने आत्मविश्वास और साहस से समाज में एक मिसाल कायम की।
2012 में विद्या ने यूटीवी के सीईओ सिद्धार्थ रॉय कपूर से शादी की।
विद्या बालन सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो समाज की बेड़ियों को तोड़कर अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं।
विद्या बालन का सफर यह साबित करता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।