IGI एयरपोर्ट का सफर होगा कुछ ही मिनटों का 16 अगस्त को खुलेंगे UER-2

August 12, 2025
IGI एयरपोर्ट का सफर होगा कुछ ही मिनटों का 16 अगस्त को खुलेंगे UER-2

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लिए एक नए युग की शुरुआत करते हुए, ₹8,000 करोड़ की लागत से तैयार शहरी विस्तार मार्ग-2 (UER-2) और द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड का उद्घाटन 16 अगस्त को किया जाएगा। ये दोनों परियोजनाएँ दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देंगी। इनके खुलने के बाद इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे तक का सफर, जो पहले घंटों का होता था, घटकर मात्र कुछ मिनटों का रह जाएगा।

76 किलोमीटर लंबा UER-2, जिसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड भी कहा जाता है, शहर के व्यस्त केंद्रों से ट्रैफिक को मोड़ने के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह परियोजना दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-रोहतक जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को द्वारका एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी, जिससे एक सिग्नल-मुक्त और निर्बाध मार्ग उपलब्ध होगा। इस बेहतर ट्रैफिक प्रवाह से शहर में प्रदूषण भी कम होने की उम्मीद है, क्योंकि वाहनों को जाम में कम रुकना पड़ेगा, जिससे ईंधन की खपत घटेगी और उत्सर्जन में कमी आएगी। यह कदम एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

इन एक्सप्रेसवे का महत्व सिर्फ़ हवाई अड्डे तक पहुँच को आसान बनाने तक सीमित नहीं है। यह नया नेटवर्क दिल्ली को सोनीपत, रोहतक और बहादुरगढ़ जैसे हरियाणा के प्रमुख शहरों से सीधे जोड़ेगा, जिससे पूरे एनसीआर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में सुधार होगा। इस रणनीतिक एकीकरण से इन क्षेत्रों में विकास के नए द्वार खुलेंगे और रोजगार, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुँच आसान हो जाएगी।

लाखों निवासियों के लिए, इन परियोजनाओं से जीवन की गुणवत्ता में सीधा सुधार होगा। यात्रा का समय दो घंटे से घटकर 20 मिनट होने का वादा सिर्फ़ एक आँकड़ा नहीं है, बल्कि यह परिवार के साथ अधिक समय बिताने और बेहतर कार्य-जीवन संतुलन का प्रतीक है। इसके अलावा, भारी वाहनों का ट्रैफिक रिहायशी इलाकों से हटकर इन एक्सप्रेसवे पर आ जाएगा, जिससे स्थानीय सड़कें सुरक्षित और शांत होंगी।

द्वारका एक्सप्रेसवे के हाल ही में खुले गुरुग्राम खंड के साथ जुड़कर यह परियोजना देश के बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 16 अगस्त को एक उच्च-स्तरीय समारोह में होने वाला इसका उद्घाटन, स्मार्ट, टिकाऊ और समावेशी शहरी नियोजन के लिए एक नया मानक स्थापित करने की उम्मीद है।∎

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