स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ़) का कहना है कि ग़ज़ा में गंभीर कुपोषण के मामले अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं।
संगठन के मुताबिक़ दक्षिणी ग़ज़ा के अल-मावासी क्लिनिक और उत्तरी ग़ज़ा के ग़ज़ा सिटी क्लिनिक में अब तक के सबसे ज़्यादा कुपोषण के मामले सामने आए हैं। दोनों क्लिनिक में इस समय 700 से ज़्यादा गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांएं और क़रीब 500 बच्चे इलाज करा रहे हैं। अकेले एमएसएफ़ के ग़ज़ा सिटी क्लिनिक में मई से जुलाई के बीच मरीजों की संख्या चार गुना बढ़ी है।
ग़ज़ा में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के डिप्टी मेडिकल कोऑर्डिनेटर मोहम्मद अबू मुग़ैसिब ने कहा, "यह पहली बार है जब हमने ग़ज़ा में इतने ज़्यादा और गंभीर कुपोषण के मामले देखे हैं। ग़ज़ा में लोगों को जानबूझकर भूखा रखा गया है। यह कल ही ख़त्म हो सकता है अगर इसराइली अधिकारी खाने की सप्लाई की इजाज़त दें।" डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की डॉक्टर जोएन पेरी ने बताया, "गर्भवती महिलाओं की हालत बेहद ख़राब है। कई छह महीने की गर्भवती महिलाएं 40 किलो से भी कम वज़न की हैं। मांएं अपने बच्चों के लिए खाना मांग रही हैं।"
संगठन का कहना है कि अक्तूबर 2023 से पहले ग़ज़ा में हर दिन औसतन 500 ट्रक सप्लाई लेकर आते थे, लेकिन मार्च 2024 से अब तक कुल 500 ट्रक भी नहीं पहुंचे हैं। खाने की चीज़ें या तो उपलब्ध नहीं हैं या बेहद महंगी हैं।∎