भारत के नॉबेल प्राइज़ विजेताओं की लिस्ट

October 07, 2025
भारत के नॉबेल प्राइज़ विजेताओं की लिस्ट

भारतीय नॉबेल पुरस्कार सूची

नाम क्षेत्र वर्ष योगदान
रवींद्रनाथ ठाकुर (Rabindranath Thakur) साहित्य 1913 'गीतांजलि' पुस्तक
सी. वी. रमन (C. V. Raman) भौतिकी 1930 रमन प्रभाव (The Raman effect)
मदर टेरेसा (Mother Teresa) शांति 1979 मानवीय कार्यों के लिए
अमर्त्य सेन (Amartya Sen) आर्थिक विज्ञान 1998 कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics)
कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) शांति 2014 बचपन बचाओ आंदोलन
हर गोबिंद खुराना (Har Gobind Khorana) चिकित्सा 1968 आनुवंशिक कोड (Genetic Code)
सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) भौतिकी 1983 चंद्रशेखर सीमा (White Dwarf Stars)
वेंकी रामकृष्णन (Venki Ramakrishnan) रसायन विज्ञान 2009 राइबोसोम (Ribosome)
अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) आर्थिक विज्ञान 2019 वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण
रोनाल्ड रॉस (Ronald Ross) चिकित्सा 1902 मलेरिया
रुडयार्ड किपलिंग (Rudyard Kipling) साहित्य 1907 द जंगल बुक
भारत के उप प्रधानमंत्री | परमवीर चक्र पुराकृत | भारत रत्न पुरस्कृत | भारत के उप राष्ट्रपति

नॉबेल पुरस्कार सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है, यह उन व्यक्ति या संस्थानों को दिया जाता है जिन्होंने गए वर्ष में मानवता के पक्ष में कोई बड़ा लाभ दुनिया के लिए दिया हो। यह पुरुस्कार साहित्य, विज्ञान, और शांति के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है।

नॉबेल पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक और आविष्कारक अल्फ्रेड नॉबेल (Alfred Nobel) की वसीयत के आधार पर दिया जाता है। अल्फ्रेड नॉबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था।

इस पुरुस्कार का नाम नॉबेल कैसे पड़ा? (How did this award get its name Nobel?)

इसके नाम पढ़ने की कहानी बड़ी रोचक है कि कैसे अल्फ्रेड नॉबेल स्वीडन के एक बहुत बड़े वैज्ञानिक, आविष्कारक और उद्योगपति थे। उन्होंने अपने जीवन में 355 आविष्कार किए, जिनमें सबसे प्रसिद्ध डायनामाइट (Dynamite) था। नॉबेल पुरस्कार का नाम इसके संस्थापक, अल्फ्रेड नॉबेल (Alfred Nobel) के नाम पर पड़ा है।

पुरस्कार की स्थापना के पीछे की दिलचस्प कहानी (The interesting story behind the establishment of the award)

डायनामाइट के आविष्कार ने उन्हें बहुत अमीर तो बना दिया, लेकिन साथ ही उनका नाम विनाश और युद्ध से भी जुड़ गया, क्योंकि इसका इस्तेमाल खदानों के साथ-साथ युद्धों में भी होने लगा था।

नॉबेल पुरस्कार बनने की मुख्य घटना (Main events leading to the Nobel Prize)

  1. 1888 में, अल्फ्रेड के भाई लुडविग की मृत्यु हो गई। लेकिन एक फ्रांसीसी अखबार ने गलती से अल्फ्रेड नॉबेल के मरने की खबर छाप दी।
  2. अखबार का शीर्षक था - "मौत के सौदागर की मौत हो गई" (The Merchant of Death is Dead)
  3. जब अल्फ्रेड नॉबेल ने यह लेख पढ़ा, तो वे हैरान और बहुत दुखी हुए। उन्हें यह सोचकर बहुत दुख हुआ कि दुनिया उन्हें मरने के बाद एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद रखेगी जिसने विनाशकारी हथियार बनाकर पैसा कमाया।
  4. उन्होंने फैसला किया कि वे अपनी छवि बदलना चाहते हैं और मानव जाति की भलाई के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करना चाहते हैं।

नॉबेल पुरस्कार कब अस्तित्व में आया? (When did the Nobel Prize come into existence?)

ये जानने की उत्सुकता सभी को होगी कि नॉबेल पुरस्कार कब पहली बार अस्तित्व में आया तो आपको बता दें कि यह पुरस्कार 1985 में जब अल्फ्रेड नॉबेल ने अपनी मृत्यु से एक साल पूर्व वसीयत लिखी। इस वसीयत में उन्होंने कहा कि उनकी विशाल संपत्ति का इस्तेमाल पुरस्कारों की एक श्रृंखला स्थापित करने के लिए करने का निर्देश दिया।

सबसे पहले पुरस्कार किसे मिल? (First recipients of the award)

सबसे पहला पुरस्कार किसी एक व्यक्ति या संस्थान को नहीं मिला बल्कि, 1901 अलग अलग क्षेत्र में अलग-अलग लोगों को मिले हैं, जिनमें ये पाँच श्रेणियाँ है-

  1. भौतिकी (Physics): विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन (Wilhelm Conrad Röntgen) - जर्मनी

    • योगदान: एक्स-रे (X-rays) की खोज के लिए।
  2. रसायन विज्ञान (Chemistry): जैकोबस हेनरिकस वैंट हॉफ (Jacobus Henricus van 't Hoff) - नीदरलैंड्स

    • योगदान: रासायनिक गतिकी (chemical dynamics) और विलयनों में परासरणी दाब (osmotic pressure) के नियमों की खोज के लिए।
  3. चिकित्सा (Medicine): एमिल वॉन बेह्रिंग (Emil von Behring) - जर्मनी

    • योगदान: डिप्थीरिया (diphtheria) के खिलाफ सीरम थेरेपी (serum therapy) विकसित करने के लिए, जिससे अनगिनत बच्चों की जान बची।
  4. साहित्य (Literature): सली प्रुधोमे (Sully Prudhomme) - फ्रांस

    • योगदान: उनकी काव्यात्मक रचना के लिए, जो उच्च आदर्शवाद, कलात्मक पूर्णता और हृदय और बुद्धि के दुर्लभ संयोजन को दर्शाती है।
  5. शांति (Peace): यह पुरस्कार दो लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया था।

    • हेनरी डुनांट (Henry Dunant) - स्विट्जरलैंड: रेड क्रॉस (Red Cross) की स्थापना और जिनेवा कन्वेंशन को शुरू करने में उनकी भूमिका के लिए।
    • फ़्रेडरिक पैसी  - फ्रांस: वह एक प्रमुख शांति कार्यकर्ता थे और उन्होंने कई शांति समाजों की स्थापना की थी।

किन क्षेत्रों में मिलते हैं नॉबेल पुरस्कार? (In which fields are Nobel Prizes awarded?)

ऊपर दिए गए मुख्यतः 5 क्षेत्रों(भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, शांति) के व्यक्ति अथवा संस्थान को मिलता है, नॉबेल पुरस्कार लेकिन केवल इन्हें ही क्यों? यह सवाल आपके मन में ज़रूर आया होगा? आपको बता दें कि इसके जनक जो अल्फ्रेड नॉबेल हैं उन्होंने अपनी वसीयत में खुद इन क्षेत्रों का उल्लेख कर बताया है साथ ही इसके बाद एक और श्रेणी को और बढ़ाया गया है। जो अर्थशास्त्र है। इस श्रेणी को लेकर तीन बातें जो आपको जननी चाहिए- 

  • इसे 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक (Sveriges Riksbank) ने अपनी 300वीं वर्षगांठ पर अल्फ्रेड नॉबेल की स्मृति में स्थापित किया था।
  • इसका आधिकारिक नाम "अल्फ्रेड नॉबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार" है।
  • नॉबेल फाउंडेशन ने इसे स्वीकार तो कर लिया, लेकिन यह निर्णय लिया गया कि इसके बाद कोई भी नई श्रेणी नहीं जोड़ी जाएगी।

केवल 5 क्षेत्रों में ही क्यों यह पुरस्कार दिया जाता है, यह सवाल आपके मन में होगा ही लेकिन आपको बता दें, इसका जवाब अल्फ्रेड नॉबेल की वसीयत में हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि किन क्षेत्रों में नॉबेल दिया जाना है।

क्या मिलता नॉबेल पुरस्कार में? (What do you get in Nobel prize?)

  • नॉबेल मेडल: सोने का एक नॉबेल मेडल(Nobel Medal), जिस पर अल्फ्रेड नॉबेल की छवि बनी हुई है
  • डिप्लोमा (Diploma): यह मूल डिप्लोमा गेरहार्ड मुन्थे द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इसकी मूल रचना नॉर्वेजियन शेर से प्रेरित थी, जो नॉबेल समिति और स्टॉर्टिंग के बीच संबंध को रेखांकित करती थी।
  • पुरस्कार राशि: पुरस्कार राशि हर वर्ष बदलता है, वर्तमान राशि 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानि लाभभग 9 करोड़ से भी ज़्यादा।
श्रेणी दिए गए पुरस्कारों की संख्या विजेताओं की संख्या (Laureates) कुछ खास बातें
भौतिकी (Physics) 117 225 नॉबेल की वसीयत में उल्लिखित पहला पुरस्कार।
रसायन विज्ञान (Chemistry) 115 194 चार व्यक्तियों ने यह पुरस्कार दो बार जीता है।
चिकित्सा या शरीर विज्ञान 114 227 इस श्रेणी में प्रति पुरस्कार सबसे अधिक विजेता हैं।
साहित्य (Literature) 116 120 यह पुरस्कार बहुत कम साझा किया जाता है।
शांति (Peace) 104 141 (112 व्यक्ति, 29 संगठन*) नॉबेल की समिति द्वारा दिया जाने वाला एकमात्र पुरस्कार।
आर्थिक विज्ञान 55 93 1968 में स्थापित; नॉबेल की मूल वसीयत में नहीं था।
कुल योग 621 1000 (972 व्यक्ति और 28 संगठन) कुल विजेता (व्यक्ति + संगठन)
*इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) ने तीन बार और UNHCR ने दो बार यह पुरस्कार जीता है, इसलिए यह पुरस्कार संगठनों को 29 बार दिया गया है, लेकिन केवल 28 अद्वितीय संगठनों को।

1901 से 2023 के बीच, नॉबेल पुरस्कार 972 व्यक्तियों और 28 अद्वितीय संगठनों को दिए गए हैं।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि दिए गए पुरस्कारों की संख्या और विजेताओं (Laureates) की संख्या में अंतर है, क्योंकि एक ही पुरस्कार तीन लोगों तक साझा किया जा सकता है, और कुछ विजेताओं ने एक से अधिक बार पुरस्कार जीता है।

Quick Facts: एक से अधिक बार नॉबेल पुरस्कार जीतने वाले

विजेताओं का एक बहुत ही खास समूह है जिन्होंने एक से अधिक बार नॉबेल पुरस्कार जीता है।

व्यक्ति:

  • मैरी क्यूरी (Marie Curie): 2 बार (भौतिकी 1903, रसायन विज्ञान 1911)

  • जॉन बारडीन (John Bardeen): 2 बार (भौतिकी 1956 और 1972)

  • लाइनस पॉलिंग (Linus Pauling): 2 बार (रसायन विज्ञान 1954, शांति 1962) - एकमात्र व्यक्ति जिसने दो अलग-अलग क्षेत्रों में अकेले पुरस्कार जीता।

  • फ्रेडरिक सेंगर (Frederick Sanger): 2 बार (रसायन विज्ञान 1958 और 1980)

  • के. बैरी शार्पलेस (K. Barry Sharpless): 2 बार (रसायन विज्ञान 2001 और 2022)

  • सी. वी. रमन सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर के चाचा हैं, दोनों को अपने अपने योगदान के लिए नॉबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है

संगठन:

  • इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC): 3 बार (1917, 1944, 1963)

  • यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (UNHCR): 2 बार (1954, 1981)

महिला नॉबेल पुरस्कार विजेता

  • 2023 तक, नॉबेल पुरस्कार 64 महिलाओं को कुल 65 बार प्रदान किया गया है (मैरी क्यूरी ने दो बार जीता)।

सबसे युवा और सबसे वृद्ध विजेता

  • सबसे युवा: मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai), जिन्होंने 2014 में 17 साल की उम्र में शांति पुरस्कार जीता था।

  • सबसे वृद्ध: जॉन बी. गुडइनफ (John B. Goodenough), जिन्होंने 2019 में 97 साल की उम्र में रसायन विज्ञान का पुरस्कार जीता था।

यह सभी डेटा नॉबेल पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट, nobelprize.org से लिया गया है, और 2023 के पुरस्कारों की घोषणा तक सटीक है।

अब बात करते हैं भारत में किन लोगों नॉबेल पुरस्कार मिला है।

इसमें हम तीन प्रकार से भारतीय लोगों को वर्गीकृत करेंगे जिसमें पहले वे जो पुरस्कार प्राप्त करते समय भारतीय नागरिक थे, दूसरे वे जिनका मूल भारतीय है मगर विदेशी नागरिक है, और तीसरे वे ब्रिटिश भारत में जन्मे विदेशी नागरिक: वे लोग जो 1947 से पहले भारत में पैदा हुए थे, लेकिन नागरिक ब्रिटिश थे।

भारतीय नागरिक (जो पुरस्कार प्राप्त करते समय भारत के नागरिक थे)

1. रवींद्रनाथ ठाकुर (Rabindranath Thakur)

 रवींद्रनाथ ठाकुर एक भारतीय कलाकार का यूं तो भारत के संदर्भ में बहुत महत्व है, जैसे इन्होंने भारत को राष्ट्रगान 'जन गण मन' दिया, जिसे आज हर स्कूल और हर राष्ट्र कार्यक्रम, सिनेमा घरों आदि उन सभी स्थानों पर सम्मान पूर्वक गया जाता है जहां राष्ट्र रूप में कुछ प्रस्तुति हो, या किसी व्यक्ति या संस्थान को राष्ट्र भावना व्यक्त करनी हो। इसके अलावा उन्होंने साहित्य, शिक्षा, समाज सुधार और कला के क्षेत्र अद्वितीय योगदान दिए हैं।

  • पुरस्कृत वर्ष: 1913
  • क्षेत्र: साहित्य
  • योगदान: उन्हें 'गीतांजलि' लिखने के लिए यह पुरस्कार मिला, तात्कालिक समय में वे पहले ऐसे गैर यूरोपीय और पहले भारतीय व एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें नॉबेल पुरस्कार मिला। उनके लेखन ने भारतीय साहित्य और कला को एक नई दिशा दी।

2. सी. वी. रमन (C. V. Raman)

सी. वी. रमन ने दुनिया को रमन प्रभाव(The Raman effect) दिया, इस इफेक्ट में प्रकाश की किरणों के प्रकीर्णन(Scattering of light) को समझाया है। यह खोज विज्ञान के क्षेत्र में भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। वे विज्ञान में नॉबेल जीतने वाले पहले भारतीय थे।

  • पुरस्कृत वर्ष: 1930
  • क्षेत्र: भौतिकी (physics)
  • योगदान: रमन प्रभाव(The Raman effect)

 3. मदर टेरेसा (Mother Teresa)

  • वर्ष: 1979
  • क्षेत्र: शांति (Peace)
  • योगदान: मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना जीवन भारत में गरीबों, बीमारों और अनाथों की सेवा में समर्पित कर दिया। 1948 में उन्होंने भारतीय नागरिकता ले ली थी। उनके मानवीय कार्यों के लिए उन्हें शांति का नॉबेल पुरस्कार दिया गया।

4. अमर्त्य सेन (Amartya Sen)

  • वर्ष: 1998
  • क्षेत्र: आर्थिक विज्ञान (Economic Sciences)
  • योगदान: उन्हें कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics) में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला। उन्होंने गरीबी, अकाल के कारणों और सामाजिक चयन के सिद्धांतों पर महत्वपूर्ण शोध किया।

5. कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi)

  • वर्ष: 2014
  • क्षेत्र: शांति (Peace)
  • योगदान: उन्हें बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए उनके संघर्ष के लिए यह पुरस्कार दिया गया। उन्होंने यह पुरस्कार पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ साझा किया। उनका संगठन "बचपन बचाओ आंदोलन" विश्व प्रसिद्ध है।

भारतीय मूल के विदेशी नागरिक

इस श्रेणी में वे लोग आते हैं जो जन्में तो भारत में ही मगर पढ़ाई आदि कारणों से विदेश में जा बसे और नागरिकता लेली।

1. हर गोबिंद खुराना (Har Gobind Khorana)

  • जन्म: रायपुर (अविभाजित भारत, अब पाकिस्तान में)
  • वर्ष: 1968
  • क्षेत्र: चिकित्सा (Medicine)
  • नागरिकता: अमेरिकी
  • योगदान: उन्होंने आनुवंशिक कोड (Genetic Code) की व्याख्या करने और यह बताने में मदद की कि यह प्रोटीन के संश्लेषण को कैसे नियंत्रित करता है।

2. सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar)

  • जन्म: लाहौर (अविभाजित भारत, अब पाकिस्तान में)
  • वर्ष: 1983
  • क्षेत्र: भौतिकी (Physics)
  • नागरिकता: अमेरिकी
  • योगदान: चन्द्रशेखर तारों की संरचना तथा विकास पर अहम सैद्धांतिक अध्ययन किया, खासकर सफेद बौने तारों (White Dwarf Stars) के लिए द्रव्यमान की सीमा का निर्धारण, जिसे "चंद्रशेखर सीमा" (Chandrasekhar Limit) कहा जाता है। सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर सी. वी. रमन के भतीजे थे।

3. वेंकी रामकृष्णन (Venki Ramakrishnan)

  • जन्म: चिदंबरम, तमिलनाडु
  • वर्ष: 2009
  • क्षेत्र: रसायन विज्ञान (Chemistry)
  • नागरिकता: ब्रिटिश-अमेरिकी
  • योगदान: उन्होंने शरीर में कोशिका के अंदर प्रोटीन बनाने वाली जगह "राइबोसोम" (Ribosome) की बनावट और कार्यप्रणाली का पर रिसर्च किया।

2. अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee)

  • जन्म: मुंबई, महाराष्ट्र
  • वर्ष: 2019
  • क्षेत्र: आर्थिक विज्ञान (Economic Sciences)
  • नागरिकता: अमेरिकी
  • योगदान: इनका योगदान विश्व संदर्भ में "वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण" जैसे गांबिर मुद्दे पर है जिसके लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया।

ब्रिटिश भारत में जन्मे विदेशी नागरिक (Foreign Citizens Born in British India)

1. रोनाल्ड रॉस (Ronald Ross)

  • जन्म: अल्मोड़ा, भारत
  • वर्ष: 1902
  • क्षेत्र: चिकित्सा (Medicine)
  • नागरिकता: ब्रिटिश
  • योगदान: रोनाल्ड रॉस ने भारत में रह कर यहाँ कार्य करते हुए यह खोज की थी कि मलेरिया एनोफिलीज मच्छर द्वारा फैलता है।

2. रुडयार्ड किपलिंग (Rudyard Kipling)

  • जन्म: बॉम्बे (अब मुंबई), भारत
  • वर्ष: 1907
  • क्षेत्र: साहित्य (Literature)
  • नागरिकता: ब्रिटिश
  • योगदान: उनकी प्रसिद्ध कृति  "द जंगल बुक" (The Jungle Book) और भारत से प्रेरित अन्य कहानियों तथा कविताओं के लिए ये पुरस्कार मिला।
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