पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों देशों के बीच बुधवार को एक पारस्परिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने "स्ट्रैटिजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट" पर सहमति जताई है।
समझौते के मुताबिक अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और मिलकर जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने के एक महीने बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मेज़बानी की, वही व्यक्ति जिसके भड़काऊ और साम्प्रदायिक जहर घोलने वाले बयानों ने अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमलों को ऑक्सीजन दी।"
ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने के एक महीने बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लंच पर फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मेज़बानी की --वही व्यक्ति जिसके भड़काऊ, उकसावे भरे, और साम्प्रदायिक जहर घोलने वाले बयानों ने अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूरतम आतंकी हमलों को ऑक्सीजन प्रदान…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 18, 2025
उन्होंने आगे लिखा, "हमारे प्रधानमंत्री की बहुचर्चित चीन यात्रा के कुछ ही दिनों बाद, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के लिए चीन के गुप्त सैन्य परिसर के दरवाज़े खोल दिए. अब सऊदी अरब, जहाँ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमलों के समय प्रधानमंत्री मौजूद थे, उसने पाकिस्तान के साथ ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।"
जयराम रमेश ने इस घटनाक्रम को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है साथ-साथ इसी मुद्दे लेकररमेश ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस समझौते को प्रधानमंत्री की "व्यक्ति-केंद्रित कूटनीति" की एक और नाकामी मानती है।∎