लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान 26 अप्रैल को होने अभी बाकी हैं, लेकिन इसे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के नेताओं के बीच एक बार फिर जंग शुरू हो गई है। आपको बता दें कि ये जंग कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा के संपत्ति बंटवारे को लेकर दिए गए एक बयान पर हुई है। सैम पित्रोदा ने अमेरिका में लागू विरासत टैक्स का हवाला देते हुए भारत में भी इस पर चर्चा करने की बात कही है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा विवाद?
सैम पित्रोदा के अपने बयान में कहा है कि 'अमेरिका में विरासत टैक्स है। वहां यदि किसी के पास सौ मिलियन की संपत्ति है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उस संपत्ति का केवल 45 प्रतिशत भाग ही उसके बच्चों को मिलता है। बाकी का बचा 55 प्रतिशत भाग सरकार अपने पास जमा कर लेती है। इसका मतलब है कि जब आप इस दुनिया को छोड़कर जा रहे हैं, तो अपनी पूरी संपत्ति न सही आधी संपत्ति तो जनता के लिए छोड़कर जानी चाहिए। ये वाकई दिलचस्प कानून है और मुझे भी यह ठीक लगता है। लेकिन भारत में अगर किसी के पास 10 अरब की संपत्ति है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को पूरी संपत्ति मिलती है और जनता को कुछ नहीं मिलता। ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर हमें चर्चा करनी होगी।'
कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा के दिए गए इस बयान पर पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि 'कांग्रेस पार्टी मरने के बाद भी जनता के ऊपर टैक्स का भार डालना चाहती है और कांग्रेस की नज़र आपके बच्चों को मिलने वाली संपत्ति पर है। पहले ये लोग कहते थे कि मिडिल क्लास के लोगों पर और ज़्यादा टैक्स लगाना चाहिए और अब तो ये इस एक कदम और आगे निकल गए हैं। अब वो कहते हैं कि वो विरासत टैक्स लाकर माता-पिता से मिलने वाली संपत्ति पर भी टैक्स लगाएंगे। कांग्रेस नहीं चाहती कि आप अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें।'
इसके बाद सैम पित्रोदा अपने दिए गए बयान से किनारा करते हुए नज़र आए। इस मुद्दे पर क्या है आपकी राय, कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट करके बताएं।
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