बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालिदा ज़िया के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और उनके साथ हुई एक मुलाक़ात को याद किया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "बीएनपी प्रमुख बेगम ख़ालिदा ज़िया के निधन की ख़बर से गहरा दुख हुआ है।"
Deeply saddened to learn about the passing away of former Prime Minister and BNP Chairperson Begum Khaleda Zia in Dhaka.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2025
Our sincerest condolences to her family and all the people of Bangladesh. May the Almighty grant her family the fortitude to bear this tragic loss.
As the… pic.twitter.com/BLg6K52vak
उन्होंने कहा, "उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दे।"
उनके निधन के समय उनके बड़े बेटे और राजनीतिक उत्तराधिकारी तारिक रहमान (Tarique Rahman) बांग्लादेश में ही मौजूद हैं। तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद इसी महीने लंदन से ढाका लौटे हैं। अब BNP पार्टी की पूरी कमान आधिकारिक तौर पर उनके हाथों में आ गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में 'देश के विकास' और 'भारत-बांग्लादेश संबंधों को मज़बूत' करने में उनके अहम योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी मुलाक़ात याद है। हमें उम्मीद है कि उनका दृष्टिकोण और विरासत हमारे आपसी साझे संबंधों को आगे भी दिशा देती रहेगी।"
बांग्लादेश की पूर्व और पहली महिला प्रधानमंत्री ख़ालिदा ज़िया का 80 साल की उम्र में मंगलवार सुबह छह बजे निधन हो गया।
बेगम ख़ालिदा ज़िया पिछले कई वर्षों से लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis), क्रोनिक किडनी रोग और हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। 23 नवंबर से वे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर थीं। डॉक्टरों के अनुसार, उनके शरीर के कई अंगों (Multiple Organ Failure) ने काम करना बंद कर दिया था।
आपको बता दें कि वे 2018 से भ्रष्टाचार के आरोपों में 17 साल की सजा काट रही थीं। हालांकि, अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के विशेष आदेश पर उन्हें जेल से रिहा किया गया था। निधन से महज कुछ हफ्ते पहले ही बांग्लादेश की एक अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के मुख्य मामलों (Graft Cases) से पूरी तरह बरी (Acquit) कर दिया था।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने उनके निधन को राष्ट्र के लिए एक "अपूरणीय क्षति" बताया और उन्हें लोकतंत्र के लिए लड़ने वाला एक योद्धा करार दिया।