अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेज़ुएला में सीआईए को अभियान चलाने की मंज़ूरी दी है। लेकिन उनके इस फैसले से दक्षिण अमेरिकी देश के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।
आपको बता दें कि हाल के हफ़्तों में अमेरिकी बलों ने कैरिबियाई सागर में ड्रग तस्करी के शक के बिनह पर कई सारे जहाजों पर कम से कम पांच बार हमले किए हैं, जिनमें 27 लोगों की मौत हुई है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र(UN) के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इन कार्रवाइयों को 'गैर-कानूनी हत्याएं' बताया है। व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ड्रग तस्करी करने वाले गिरोहों पर आगे की कार्रवाई की भी तैयारी कर रहा है।
वहीं वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने टीवी पर अमेरिका से शांति की अपील की। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, ट्रंप की मंज़ूरी से सीआईए वेनेज़ुएला में एकतरफा या किसी व्यापक अमेरिकी सैन्य गतिविधि के हिस्से के तौर पर अभियान चला सकेगा।
हाल फिलहाल इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं है कि सीआईए वेनेज़ुएला में किसी अभियान की तैयारी कर रहा है या नहीं, लेकिन इस जासूसी एजेंसी का दक्षिण अमेरिका में एक लंबा इतिहास रहा है।
बुधवार को ओवल ऑफ़िस में एफ़बीआई डायरेक्टर काश पटेल और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के साथ पत्रकारों की बातचीत में ट्रंप से न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बारे में सवाल किया गया।
एक पत्रकार ने पूछा, "आपने सीआईए को वेनेज़ुएला जाने की मंज़ूरी क्यों दी?"
इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, "मैंने दो वजहों से मंज़ूरी दी। पहला, उन्होंने (वेनेज़ुएला) अपनी जेलों के कैदियों को अमेरिका में छोड़ दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "और दूसरी चीज़ है ड्रग्स। वेनेज़ुएला से बहुत सारा ड्रग्स आता है, ये ज़्यादातर समुद्र के रास्ते से आता है, लेकिन हम उन्हें ज़मीन के रास्ते भी रोकने जा रहे हैं।"∎